तराई(Tarai) | Water Curing | Curing of Concrete

तराई क्या होती है ?


तराई(Curing) एक प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल सीमेंट से होने वाले कामो को पूरी मजबूती देने के लिए होता है,

तराई की जरुरत क्यों होती है ?

सीमेंट को सूखने और ठोस आकर लेने में समय लगता है, और सीमेंट की मोटी ढलाई को पूरी तरह से ठोस और मजबूत होने में 25 से 28 दिन लगते है। इतने दिनों तक सीमेंट को मजबूती के लिए पानी की जरुरत होती है, जिस पानी से सीमेंट को मिलाया जाता है, वो धीरे धीरे हवा से उड़ जाता है और सीमेंट को ठोस होने के लिए कम से कम 7 से 14 दिन लगते है, और पूरी तरह से मजबूत होने के लिए 25 से 28 दिन लगते है।

जब भी सीमेंट को पानी के साथ मिलाया जाता है तो सीमेंट से गर्मी निकलती है और जब तक सीमेंट अंदर पानी की मात्रा 30 % तक होती है तब तक कोई दिक्कत नहीं होती है, मगर उसके बाद हवा और गर्मी जैसी वजह से सीमेंट सिकुड़ने लगता है जिसकी वजह से कई जगह दरार आ जाती है। तराई करने से दरार नहीं आती है।

  • अच्छे से तराई वाला प्लास्टर, बाद में आने वाली सीलन को काफी हद तक रोकता है।
  • दीवारों में पड़ने वाली दरारों को रोकने की छमता बढ़ जाती है।
  • तराई करने से दीवाल की मजबूती बढ़ जाती है।

तराई कब से कब तक करनी चाहिए ?

तराई करने की शुरुवात कम से कम 15 घंटे के बाद और 24 घंटे के अंदर करनी शुरू कर देनी चाहिए
किसी भी सीमेंट को मजबूत करने के लिए उसपे तराई करना बहुत ही ज्यादा जरुरी है बिना तराई के सीमेंट में मजबूती नहीं आती है

वैसे तो तराई 20 से 25 दिन की काम है और हर दिन की तराई से सीमेंट की मजबूती में फर्क पड़ता है पर आपको अच्छी मजबूती के लिए कम से कम 10 से 15 दिनों तक तो तराई करनी ही चाहिए।

पहले दिन की सीमेंट में 16 % तक मजबूती आती है
तीसरे दिन की सीमेंट में 40 % तक मजबूती आती है
सातवे दिन की सीमेंट में 65 % तक मजबूती आती है
चैदहवें दिन की सीमेंट में 90 % तक मजबूती आती है
अठाइसवे दिन की सीमेंट में 99 % तक मजबूती आ जाती है

सीमेंट की तराई करने से इसके अंदर भार सहने की ताकत बढ़ती है, और इसे N/mm² से आंका जाता है
33 ग्रेड सीमेंट – 3 दिन के बाद – 16 N/mm², 7 दिन के बाद – 23 N/mm² और 28 दिन के बाद – 27 N/mm²
43 ग्रेड सीमेंट – 3 दिन के बाद – 22 N/mm², 7 दिन के बाद – 33 N/mm² और 28 दिन के बाद – 37 N/mm²
53 ग्रेड सीमेंट – 3 दिन के बाद – 33 N/mm², 7 दिन के बाद – 43 N/mm² और 28 दिन के बाद – 53 N/mm²


तराई कैसे करते है ?

तराई करने के कई तरीके होते है

सीधा पानी डालना (वाटर Curing) और पानी भरना

इस तरीके के अंदर आपको पाइप से या किसी भी चीज़ से पानी को सीधा ही पानी सीमेंट पे डालना होता है और ये तब तक डालना होता है जब तक की सीमेंट पानी को सोखना बंद कर दे जब सीमेंट सोखना बंद कर दे तो आप समझ सकते हो की आपकी तराई पूरी तरह से सफल हो गयी है मगर कई बार समय की कमी के वजह से जब आपको जल्दी हो तो कम से कम इतनी तराई कर दे की आपको महसूस हो जाये की आपने 50 % तराई कर दी है
ये तरीका दीवार के लिए प्लास्टर के लिए बहुत अच्छा होता है।
मगर जब बात छत पे तराई करने की होती है तो सबसे अच्छा तरीका है पानी का भराव कर देना इसमें आप छत पे बालू, रेत या मिटटी से चारो तरफ रोक बना दे और रोक बनाने के बाद उसमे पानी भर दे क्योकि छत तो मजबूती के लिए बहुत पानी की जरुरत होती है।
कुछ लोग इस काम के लिए लकड़ी के बुरादे का इस्तेमाल भी करते है। लकड़ी के बुरादे को पूरी छत पे फैला देते है और फिर उसपे पानी डाल देते है और लकड़ी का बुरादा पानी को सोख के रखता है और काफी देर तक पानी की जरुरत को पूरा करता रहता है।

कपडे या मेम्ब्रेन से

इस तरीके में हम जिस भी जगह तराई करनी होती है वह हम मोटी जूट की बोरी या कपडा लपेट देते है और उसको पानी से भीगा देते है।
पानी से भीगा हुआ होने की वजह से वो काफी देर तक गीला रहता है जिसकी वजह से काफी देर तक सीमेंट तो पानी मिलता रहता है वैसे तो कुछ लोग जिनके पास पैसे की ख़ास दिक्कत नहीं होती है वो एक ख़ास तरह का कपडा बिछवाते है उसको मेम्ब्रेन कहते है मगर उसको तभी करना चाहिए जब आपको बहुत ज्यादा जगह हो तराई के लिए नहीं तो सीधा पानी डालना या जूट की बोरी या कपडे से भी बहुत अच्छा काम हो जाता है

भाप से

भाप से भी तराई करि जाती है मगर ये उस जगह करी जाती है जहा पे वक़्त की कुछ ज्यादा ही कमी है भाप गरम होने की वजह से सीमेंट को जल्दी से जमा देती है और भाप के अंदर जो पानी होता है वो पानी की कमी को पूरा कर देता है मगर ये तरीका ज्यादा लोगो इस्तेमाल नहीं करते है इसमें बहुत ज्यादा खर्चा होता है बस आप ऐसा मान लो की ये आप कही जाने के लिए रेल गाडी की जगह ऐरोप्लाने से चले जाए

नमी बनाये रखने वाले केमिकल से

मार्किट में कई सारे केमिकल आते है जो पानी में मिलने के बाद पानी को सोख लेते है और ज्यादा देर तक नमी को बना के रखते है जैसे क्लोरीनयुक्त रबर, सोडियम सिलिकेट, मोम, अलसी के तेल, बिटुमेन, एक्रिलेट्स

हमारी पोस्ट “तराई(Tarai) | Curing | Curing of Concrete” पढ़ने के लिए धन्यवाद !!!

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mahendra more

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Nice article

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