ईंटें कितने तरह की होती है ?

ईंटें के प्रकार और उनकी विशेषताएं ?

मकान बनवाते समय एक सवाल जो आपके दिमाग में आता है, वो है मकान बनवाने के लिए अच्छी ईंट की पहचान कैसे करें ? तो हम आपको यहाँ पे आपको यहाँ पे ईंटो से बारे में सारा ज्ञान देंगे बस आप ध्यान से पढ़िए और हमारे ब्लॉग को रोज पढ़िए आपको घर बनाने में बहुत मदद मिलेगी।

चलिए अब बात करते है ईंटो की

हमारे देश में भारत में 3 लोकप्रिय आकार हैं: –

मॉड्यूलर ईंट : – इनका साइज 190 x 90 x 90 एमएम का होता है और यह आकार केवल कुछ अन्य स्थानों पर जहां मशीन से निर्मित ईंटें उपलब्ध हैं वहाँ मिलता है जैसे मध्यप्रदेश (एमपी), गुरुग्राम (हरयाणा), दिल्ली, बैंगलोर,मुंबई आदि

लाल ईंट :- इसका साइज 9″ x 4 ″ x 3 ″ होता है और यह भारत के सभी हिस्सों में आसानी से उपलब्ध है और ये साइज सबसे ज्यादा चलता है

आज विभिन्न प्रकार की ईंटों का उपयोग निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल के आधार पर किया जाता है जैसे मिटटी, कंक्रीट, चूना, फ्लाई ऐश ऐसे ही और भी

पक्की मिट्टी से बनी ईंटें (Burnt Clay Bricks)

पक्की हुई मिट्टी की ईंटें सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली ईंट, ये अच्छी गुणवत्ता वाली ईंटें होती हैं और इनका प्रयोग मजबूती के लिए होता है जैसे की दीवारों, स्तंभों, नींव आदि को बनाने में किया जाता है। इन ईंटों को 4 विभिन्न प्रकारों में बांटा गया है, ये हैं:

First Class Bricks (1st क्लास ईंटें)

1st क्लास ईंट अच्छी गुणवत्ता वाली ईंटें होती हैं। उन्हें आयरन मोल्डिंग द्वारा ढाला जाता है और बड़े भट्टों में पकाया जाता है। इसीलिए, इन ईंटों में एक जैसा आकार, तेज किनारे और चिकनी सतह होती हैं। ये अधिक टिकाऊ और मजबूत होते हैं। इनका इस्तेमाल मजबूती के लिए किया जाता है हालांकि, ये ईंट दूसरी ईंटो से ज्यादा मजबूत होती है इसलिए ये महंगी भी होती है।

Burnt Clay Bricks
Burnt Clay Bricks

Second Class Bricks (2nd क्लास ईंटें)

2nd क्लास की ईंटें मध्यम गुणवत्ता वाली ईंटें हैं और इन्हें जमीन पर ढाला जाता है। और भट्टों में पकाया जाता है। लेकिन जमीनी पे ढलाई के वजह से, इनमे चिकनी सतह के साथ-साथ तेज किनारा नहीं होता हैं। ये ईंट मजबूत तो होती है मगर इसके साइज थोड़ा बहुत अलग होता है तो इसलिए इस ईंटों इस्तेमाल उन जगहों पर किया जाता है जहां इनको प्लास्टर के कोट के साथ कवर किया जायेगा।


Third Class Bricks (3rd क्लास ईंटें)

जैसा कि नाम से पता चलता है, ये खराब गुणवत्ता वाली ईंटें हैं जो आमतौर पर उन संरचनाओं के लिए उपयोग की जाती हैं जो अस्थायी रूप से निर्मित होती हैं। जहा ज्यादा बारिश होती है ये वहाँ के लिए ठीक नहीं होती है।

Fourth Class Bricks (झामा या गिट्टी)

ये अधिक जले हुए, अनियमित आकार के और गहरे रंग के होते हैं। चौथी श्रेणी की ईंटें (झमा या गिट्टी ) बहुत खराब गुणवत्ता वाली ईंटें हैं और इनका उपयोग संरचना में ईंटों के रूप में नहीं किया जाता है। उन्हें कुचल दिया जाता है और नींव, सड़क, फर्श आदि के निर्माण में उपयोग किया जाता है।

फ्लाई ऐश से बनी ईंटें (Fly Ash Bricks)

ये ईंटें एक तरह की राख (फ्लाई-ऐश) और पानी को मिला के बनायीं जाती है। फ्लाई-ऐश कोयला जलाने से बना एक बायप्रोडक्ट है। फ्लाई ऐश ईंटें हल्की होती हैं मिट्टी की ईंटों की तुलना में फ्लाई ऐश ईंटों के फायदे ये हैं कि इनमे उच्च आग इन्सुलेशन, उच्च शक्ति, बेहतर जोड़ और प्लास्टर के लिए समान आकार की होती है। चिनाई से पहले इसे भिगोने की जरुरत नहीं होती है इसलिए जब इसका इस्तेमाल करते है तो निर्माण कार्य में कम पानी की जरुरत होती है फ्लाई ऐश ईंट का ज्यादा उपयोग दीवारों को बनाने में होता हैं।

कंक्रीट से बनी ईंटें (Concrete Bricks)


कंक्रीट ईंटों को सीमेंट, रेत, गिट्टी और पानी जैसी सामग्री के साथ ठोस कंक्रीट का उपयोग करके बनाया जाता है। इन ईंटों को आवश्यकतानुसार आकार में निर्मित किया जा सकता है। कंक्रीट ईंटों का उपयोग चिनाई और फ़्रेमयुक्त इमारतों, facades, बाड़ के निर्माण के लिए किया जाता है। यह एक उत्कृष्ट सौंदर्य उपस्थिति प्रदान करता है।

रेत चूना से बनी ईंटें (Sand Lime Bricks)

ये चूने, रेत और फ्लाई ऐश को मिलाकर बनाया जाता है। इन ईंटों का उपयोग निर्माण उद्योगों में कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है जैसे कि भवनों में सजावटी कार्य, चिनाई कार्य आदि।

इंजीनियरिंग ईंटें (Engineering Bricks)

इंजीनियरिंग ईंटों में उच्च कोम्प्रेस्सिव शक्ति होती है और इनका विशेष उपयोग किया जाता है जहां उच्च शक्ति, ठंढ प्रतिरोध, एसिड प्रतिरोध की आवश्यकता होती है। इन ईंटों का उपयोग आमतौर पर बेसमेंट के लिए किया जाता है जहां रासायनिक या पानी से खतरे की संभावना होती है, अर्थात Damp Proof Courses के लिए।

अच्छी मिट्टी की ईंट को कैसे पहचाने ???

** एक अच्छी गुणवत्ता वाली ईंट में नमक नहीं होना चाहिए। एक ईंट में नमक का पता लगाने के लिए इसे 24 घंटे के लिए पानी में रखना चाहिए और छाया में सुखाया जाना चाहिए। सुखाने के बाद, ईंट के उप्पर कोई सफेद या ग्रे रंग जमा है, तो इसमें नमक होता हैं और निर्माण के लिए सबसे अच्छी नहीं है।

अच्छी ईंट कैसे पहचाने ?

– ईंट का रंग गहरा और एक जैसा होना चाहिए ना की धब्बेदार।
– नाखून से खुरचने पर नाखून के निशान न दिखे।
– दो ईंटो को आपस मे टकराइये , साफ़ आवाज (धात्विक आवाज ) सुनाई देना चाहिए।
– 4 फुट की ऊंचाई से गिराने पर टूटनी नहीं चाहिये।
– पानी में डुबाने से उसका वजन 15 % से अधिक नहीं बढ़ना चाहिये।
– उसमें दरारें नहीं होनी चाहिये।
– उनमे एक तरफ गड्डा जरूर होना चाहिए ताकि वह फिसले नही

हमारी पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद और भी बहुत कुछ हम यहाँ ज्यादा से ज्यादा आपको बताते जायेंगे बस आप दिल लगा के ध्यान से पढ़ते जाइये जितना आप पढ़ेंगे उतना आप सीखेंगे

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