नीव की खुदाई के बारे में सब कुछ | Excavation Work in Hindi

बात जब निर्माण के नीव की हो, तो जरा सी असावधनी हमें बहुत भारी पड़ सकती है। अगर घर पूरा तैयार हो जाए और उसके बाद उसमे दरार पड़ जाए तो सोचिये के आदमी की क्या हालत होगी जिसका वो घर होगा। ऐसा हुआ है और जब तक लोग सोच समझ कर काम करना नहीं सीखेंगे तब तक ऐसा होता रहेगा। मगर आप चिंता मत करिये आप उनमे से नहीं है क्योकि आप सही तरीके को ढूंढ रहे है। और जल्दी ही वो तरीका आपको मिल जायेगा। चलिए अब नीव के बारे में कुछ बातो को समझते है। जिससे हम सही तरीके से नीव डलवा पाएंगे। नीव का काम पूरे घर के वजन को जमीन पर एक बराबर फैलाने मजबूती से पकड़ के रखने का होता है। जिससे आपका घर लंबे समय तक सुरक्षित रहे चाहे भूकंप क्यों ना जाए। जानते है नींव की खुदाई के बारे में सब कुछ

नीव की खुदाई से पहले पता क्या करे

निर्माण का इस्तेमाल किसलिए करना चाहते है?
कितनी मंजिल का घर बनाना चाहते है?
किस तरह की ईमारत बनवाना चाहते है?
मिट्टी की भार उठाने क्षमता?
क्या नक्शा बनवाना जरुरी है ?

नींव की खुदाई से पहले, इन सवालो के जवाब देने से पहले, आपको इन सवालो के सभी पहलुओं के बारे में सोचना चाहिए, सोचने के बाद,आप जो जवाब देंगे, उससे आप पैसा वसूल नीव बनवा पाएंगे, इसलिए ध्यान से पूरी पोस्ट को पढियेगा, ऐसा बहुत बार होता है की, पहले पता नहीं होता की क्या बनाना है, और कैसा बनाना है।

इसकी वजह से या तो नीव को कमजोर बन जाती है या तो वो नीव में ज्यादा पैसा लगा कर उसे इतना मजबूत बनवा देते है की उसपे 5 मंजिल घर बन जाए, और बनाना केवल 2 मंजिल ही चाहते थे। कोई नहीं उनको बताने और समझने वाला कोई नहीं था आपके लिए हम है। पूरी पोस्ट पढ़ने के बाद आप मजबूत और पैसावसूल नीव बना पाएंगे।

चलिए अब नींव की खुदाई से जुड़े पहलुओं को जानने में आपकी मदद करते है।


निर्माण का इस्तेमाल किसलिए करना चाहते है?

हम इस सवाल को दूसरे शब्दों में यूँ भी कह सकते है, आप जो भी निर्माण कर रहे है, उसका इस्तेमाल क्या और कैसे करना चाहते है, क्या बनाना चाहते है दुकान या मकान, क्या खुद के रहने के लिए घर बना रहे है, या किराये पे देने के लिए, कही बाद में इसके अंदर, कोई काम तो शुरू नहीं कर देंगे। अगर आप काम करना चाहते है तो भी वो दुकान होगी या workshop जहा भारी काम होगा।


कितनी मंजिल का घर बनाना चाहते है?

पहला सवाल तो ये है, आपकी अभी की जरूरतों के हिसाब से, आप कितने मंजिल का घर बनवाना चाहते हैं, क्या भविष्य में आप और मंजिल बनवा सकते हैं, और अगर भविष्य में बनवाना है चाहते भी हैं, तो कम से कम कितने साल बाद ऐसा आप करेंगे, अगर ऐसा आप कम से कम 15 साल बाद करेंगे, तो अभी की जरूरत के हिसाब से ही नीव डलवाए, क्योंकि 15 साल बाद, बहुत कुछ बदल चुका होगा, हो सकता है, अपनी नई जमीन खरीद ले, और इसके ऊपर कोई मंजिल बनवाने की जरूरत ही ना पड़े।


किस तरह की ईमारत बनवाना चाहते है?

क्या आप दो से तीन मंजिल तक का ही घर बनवाना चाहते हैं, या आप एक बहुमंजिली इमारत बनवाना चाहते हैं, जिसके अंदर 7 से 8 मंजिलें होती है, क्योंकि दो से तीन मंजिल तक के लिए आप भार उठाने वाला ढांचा बनवा सकते हैं, जिसके लिए ईंटो से बनी नींव का इस्तेमाल होता है, और इससे ज्यादा मंजिल के लिए आपको कॉलम बीम वाले ढांचे की जरूरत पड़ेगी जो भार उठाने वाले ढांचे से थोड़ा महंगा होता है।

अगर आप दो से तीन मंजिल का ही घर बनवाना चाहते हैं, और उसे अगर आप कॉलम बीम के सहारे खड़ा कर देते हैं, तो हो सकता है, आपको लगे कि आपने समझदारी का काम किया है, मगर अगर आप पैसा वसूल घर बनाना चाहते हैं, तो दो से तीन मंजिल तक के लिए, भार उठाने वाले ढांचे का इस्तेमाल ही किया जाना चाहिए। यह बहुत पुराना और विश्वसनीय तरीका है, क्योंकि ऐसा देखा गया है, ठेकेदार आपको कॉलम बीम वाला ढांचा बनाने के लिए कहता है, वह ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि इस तरीके में लेबर कम लगती हैं, और उसको पैसे पूरे मिलते हैं।

भार उठाने वाले ढांचे के बारे अच्छे से समझने के लिए हमारी पोस्ट लोड बेअरिंग स्ट्रक्चर क्या होता है पढ़े

दोनों तरीकों में क्या फर्क है इसको ठीक से जाने के लिए आप पोस्ट “” पढ़ सकते हैं


जमीन कितनी सख्त है?

नीव खोदने के लिए यह भी जानना जरूरी है, कि आपके इलाके में जमीन कितनी सख्त है, कई बार ऐसा होता है, कि हमें लोग सलाह दे देते हैं, कि नीव 3 फुट गहरी खोदनी चाहिए, काफी हद तक यह बात सही है, मगर हर जगह ऐसा करना ठीक नहीं है, क्योंकि जिस जगह सलाह देने वाले ने घर बनाए हैं, हो सकता है वहां 3 फुट पर सख्त मिट्टी हो, और आपके यहां सख्त मिट्टी 4 फुट पर निकले, और जब आप घर बना ले, उसके बाद, इमारत के वजन से वहां की मिट्टी बैठ जाए और इससे आपकी नीव और निर्माण दोनों को नुकसान पहुंचे।

नीव दिखती नहीं है, मगर पूरी इमारत का वजन उठाती है और जब बात आपकी नीव की हो तो किसी भी तरह की गलती की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।


क्या नक्शा बनवाना जरुरी है ?

नक्शा को केवल लाइन(Line) समझने की भूल न करे, इन लाइनों को खींचते कैसे है, ये सिखने के लिए आर्किटेक्ट (Architect) अपनी जिंदगी के 5 साल लगता है और सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) 3 साल। इसलिए नक्शा बनवाने के लिए आप अपने बजट के हिसाब से नक्शा बनाने वाले को जरूर ढूंढिए

कुछ लोगो का कहना होता है की इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, की नक्शा आर्किटेक्ट (Architect) बनाये, सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) बनाये, या फिर कांट्रेक्टर (Contractor) बनाये कोई फर्क नहीं पड़ता है, मगर बात आपकी है कि आप कैसा घर बनाना चाहते है। चलिए आपको घर बनने के बाद मिलने वाले नंबर से समझते है।

आर्किटेक्ट (Architect)(10/10) खूबसूरती से साथ मजबूती भी देते है और इनके काम में कुछ नया होता है।
सिविल इंजीनियर (Civil Engineer)(7/10) इनका ध्यान मजबूती पे ज्यादा होता है, खूबसूरती पे कम।
कांट्रेक्टर (Contractor)(5/10) ये वो नक्शा बनाते है जो पहले से बना चुके है, ये थोड़ा थोड़ा सब जानते है पर पूरी तरीके से कुछ ख़ास नहीं अगर इनका अनुभव और काम आप देख चुके है और आपको पसंद है तो बेफिक्र हो के इनसे काम करवाइये।

और घर के हर तरह से सुरक्षा का काम स्ट्रक्चरल इंजीनियर (Structural Engineer) देखते है, भारत सरकार ने भूकंप से होने वाले नुकशान को देखते हुए ये नियम बनाया की, बिना स्ट्रक्चरल इंजीनियर (Structural Engineer) के हस्ताक्षर(Signature) कोई भी नक्शा पास नहीं होगा। अगर आप ऐसी जगह निर्माण करवा रहे है जहा रजिस्ट्री (Registry) होती है तो वह आपको नक्शा पास करने के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर (Structural Engineer) के हस्ताक्षर(Signature) की जरुरत पड़ेगी।

वैसे तो भारत में कई ऐसे इलाके है जहा घर बनते है और वह इनकी पहुंच नहीं है वह लोग अनुभव के हिसाब से ही सारा घर बनवा लेते है। मगर अगर आप ऐसी जगह रहते है जहा आप इनकी मदद ले सकते है तो आपको जरूर लेनी चाहिए।

अगर आपके पास पैसो की कमी है तो भी आप बिना नक़्शे का घर ना बनवाये, छोटे घर का नक्शा तो आप खुद भी बना सकते है नक्शा बनाना सिखने के लिए आप हमारी पोस्ट पढ़ सकते है “घर का नक्शा कैसे बनाए ? | Ghar ka Naksha Kaise Banaen


नीव की खुदाई करने का तरीका

नीव की खुदाई करने से पहले जो सवाल हमने आपसे पूछे थे, उम्मीद करते है, उसके जवाब अब पहले से ज्यादा साफ़ हो गए होंगे। अब हम आपको थोड़ी और बाते बताते है जिससे आप बिलकुल पक्के हो जायेगे की आपको करना क्या है अगर फिर भी कोई सवाल आपके मन में उठे तो आप हमें कमेंट कर सकते है और अगर दी हुई जानकारी आपको अच्छी लगी लगे तो आप इसे Facebook या Whatsapp के जरिए दुसरो तक भी पंहुचा सकते है।

  • खुदाई का काम शुरू होने से पहले कोशिश करें क्या आपके साइट पर पानी, बिजली, और छोटी मोटी चोटों के लिए व्यवस्था हो (जैसे डिटेल, रुई, पट्टी), अगर किसी को छोटी मोटी चोट लग जाती है, तो भी उसे तुरंत उपचार मिल सके। क्योंकि हमारा काम करने वाले भी इंसान हैं। हमें उनका ध्यान रखना चाहिए।
  • सबसे पहले ड्राइंग को समझे ड्राइंग के हिसाब से जमीन पर सफ़ेद चुने से निशान लगवा ले, और खुदाई का काम निशान से थोड़ा ज्यादा ही करवाएं ज्यादा ही करवाएं उससे कम नहीं, क्योंकि खुदाई के बाद उसके अंदर काम करने में दिक्कत आ सकती है।
  • खुदाई करने से पहले, खुदाई करने वाले को, अच्छे तरीके से समझा दे, कि उसे कहां खुदाई करनी है, और कहां नहीं। खुदाई का काम बहुत तेजी से नहीं कराना चाहिए,हो सकता है खुदाई के समय, पानी की पाइप, बिजली की तार, नालियों की पाइप, गैस की पाइप जैसी चीजें निकल आए तो उसके आसपास बड़े ध्यान से खुदाई करनी चाहिए, जल्दीबाजी करने से कोई हादसा हो सकता है, और घर बनाते वक्त ऐसे हादसों से बचना चाहिए। अगर ऐसी कोई चीज आपके घर के नीचे नहीं है, फिर भी आपको खुदाई के काम में जल्दीबाजी नहीं दिखानी चाहिए।
  • खुदाई करने के बाद आपको PCC करवानी चाहिए, PCC नीव का एक बहुत जरुरी हिस्सा है, क्योकि ये आपके पुरे घर को एक मजबूत सतह देता है। जिसके ऊपर आपका घर टिका होता है।
  • PCC का काम होने के बाद फिर Footing का काम शुरू हो जायेगा इसको समझने के लिए आप पढ़ सकते है हमारी पोस्ट “फुटिंग (Footing) क्या होती है ? | What is Footing

नींव की खुदाई के समय ध्यान रखने वाली बाते।

  • खुदाई से निकलने वाली मिट्टी खुदाई की जगह से कम से कम 3 फुट दूर ही डालें, कहीं ऐसा ना हो मिट्टी के वजन से खोदी गई जगह में मिट्टी फिर से गिर जाए। और आपको दोबारा खुदाई करवानी पड़े।
  • अगर खुदाई के वक्त जमीन से पानी निकलने लगता है तो आप समर्सिबल पंप की मदद से उस पानी को निकाल सकते हैं, उसके लिए आपको बोरिंग करानी पड़ेगी, जो हो सकता है थोड़ा महंगा हो, मगर ऐसा करना ही सही रहेगा, क्योंकि अगर पानी हल्का भी निकल रहा है, तो वह नीव को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • बरसात के दिनों में नीव की खुदाई जैसे कामों से बचना चाहिए।
  • यहां खुदाई कर रहे हैं, और उसके बगल में पहले से ही कोई इमारत बनी हुई है, तो उसकी नीव से ज्यादा नहीं खोदना चाहिए ऐसा करने से आपके पड़ोस वाले घर के अंदर दरारे पड़ सकती हैं, और उनका नुकसान हो सकता है। ऐसा होने पर आपको पेशेवर लोगों की मदद लेनी चाहिए। जिसने काम पहले भी ऐसा काम कर रखा हो।
  • की गई खुदाई तिरछी नहीं होनी चाहिए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि वह ऊपर से 3 फुट चौड़ी है और नीचे से 3 फुट से कम है।

नीव की खुदाई से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

अगर जमीन से निकली मिट्टी सख्त है तो 3 फ़ीट तक खोदने की क्या जरुरत है ?

नीव के कई काम होते हैं, इसके ऊपर सारा निर्माण टिका होता है, इसमें की जाने वाली गलतियां हमें बहुत भारी पड़ती है, नीव खोदते वक्त अगर जमीन से निकली मिट्टी सख्त भी हो तो हमें कम से कम 3 फीट उससे ज्यादा गहरी नीव खोदनी चाहिए। अगर नीव कम से कम 3 फीट भी गहरी नहीं होगी तो भूकंप के समय आपके निर्माण को होने वाले नुकसान और दरारों से कैसे बचाएगी।

नींव के लिए कैसी ईंटो का इस्तेमाल करना चाहिए?

नींव के लिए जरुरी नहीं की आप नयी ईंटो का इस्तेमाल करना पड़ेगा इसके लिए आप पुरानी ईंटो का इस्तेमाल भी कर सकते है, इसके लिए ज्यादा पकी हुए मजबूत ईंट सबसे बढ़िया रहती है। इसलिए आप पुरानी ईंटो से भी नीव का काम करवा सकते है।

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