इलेक्ट्रिकल फिटिंग टूल | Electrical Fitting Tools in Hindi

Electrical Tools in Hindi
Electrical Tools in Hindi

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ड्रिल मशीन (Drill Machine)

ड्रिल मशीन (Drill Machine) इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) के अंदर आने वाली एक मुख्य मशीन है, बहुत ज्यादा इस्तेमाल होने वाली मशीन है जिसका इस्तेमाल गोल छेद या फास्टनर को लगाने के लिए किया जाता है, इससे छेद करने के लिए इसमें एक बिट का इस्तेमाल किया जाता है इसे बैटरी और बिजली दोनों से चलाया जा सकता है।
ड्रिल मशीन का इस्तेमाल कई जगह किया जाता है जैसे
1) लकड़ी के में छेद करने के लिए
2) लोहे और दूसरी धातुओं के लिए
3) दीवारों और कंक्रीट में छेद करने के लिए
दूसरी शब्दों में कहे तो लकड़ी के काम (Wood Working), लोहे या धातु के काम में (Metal Working), घर बनाने (Construction), मशीन टूल्स फैब्रिकेशन और यूटिलिटी प्रोजेक्ट्स जैसे कामो में किया जाता है। हमें ऐसा भी मान सकते है हमें जहा भी छेद करना होता है वहां इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, हाँ ये अलग बात है की अलग अलग जगह पे अलग अलग बिटो (Bits) का इस्तेमाल किया जाता है Bits को अलग अलग तरीको और मजबूती से बनाया जाता है जैसे लकड़ी की बिट में आगे के हिस्से में धार होती है और ये ज्यादा मजबूत नहीं होती है अगर इसको हम लोहे या दीवाल पे चलाये तो ये टूट जाती है।

Drill Machine History in Hindi
Drill Machine History in Hindi

ड्रिल के प्रकार (Types of DRILL)

1) हाथ से चलने वाली ड्रिल (Manual Drill)

ये बहुत पहले इस्तेमाल होती थी जब हर जगह बिजली नहीं होती थी लेकिन अब ज्यादातर जगह पे बिजली आ गयी है जिसकी वजह से इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का इस्तेमाल बढ़ गया है, अब इसका इस्तेमाल किसी को दिखने के लिए होता है की पहले ज़माने में लोग कैसे काम करते थे।

2) बिजली से चलने वाली पावर ड्रिल (Power Drill)

ये आज कल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) है, इनके लिए ख़ास तजुर्बा की जरुरत नहीं होती है ये आजकल हर तरह के मिस्त्री हर तरह के इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का इस्तेमाल करना जानते है इसका इस्तेमाल और ये कई तरह की होता है जैसे

पावर ड्रिल्स के प्रकार (Type of Power Drills)
कार्डलेस ड्रिल्स (Cordless Drills)

ये वो ड्रिल बिजली से चलने वाली ड्रिल का आधुनिक रूप है, ये बैटरी से चलने वाली ड्रिल होती है जिसमे तार की जरुरत नहीं होती ये उन मुश्किल जगहों पे भी इस्तेमाल हो सकती है जहा पे मशीन बिजली की तारो के साथ नहीं पहुंच सकती है

कॉर्डेड ड्रिल्स (Corded Drills)

बिजली की तारो से चलने वाली ड्रिल को Corded Drills कहा जाता है इनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है क्योकि ये बैटरी से चलने वाली ड्रिल (Cordless Drills) से ज्यादा सस्ती पड़ती है और इसके इस्तेमाल में किसी तरह की दिक्कत भी नहीं आती है और इसे ठीक करने के लिए किसी ख़ास जगह नहीं जाना पड़ता इसके साथ इस्तेमाल होने वाले सामान हर जगह आसानी से मिल जाती है, इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools)

रिवर्सेबल ड्रिल्स (Reversible Drills)

सामान्य ड्रिल एक ही दिशा में घूमती है मगर Reversible Drills दोनों दिशा में घूमती है जिससे काम करने में आसानी होती है वैसे तो आजकल अधिकतर इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) ड्रिल में ये सुविधा होती है की वो दोनों तरफ घूम सके मगर फिर भी सस्ती ड्रिल में सुविधा नहीं होती क्योकि मशीन बनाते समय उन्हें

इम्पैक्ट ड्रिल्स (Impact Drills)

वैसे आपको बता दे Impact का मतलब प्रभाव होता है और इस इम्पैक्ट ड्रिल इसलिए भी कहते है क्योकि इसका प्रभाव सामान्य ड्रिल की अपेक्षा बहुत ज्यादा होता है इस ड्रिल बिट को बहुत तेजी से चलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ये ड्रिल के एक ख़ास फंक्शन होता है दीवारों में छेद करने के लिए किया जाता है।

हैमर ड्रिल्स (Hammer Drills)

इस ड्रिल को हैमर ड्रिल (Hammer Drill) इसलिए कहा जाता है क्योकि जब इसे चलाया जाता है तो ये बिट को आगे पीछे झटका देते हुए चलती जैसे कोई लगातार हथोड़ी चला रहा हो इसलिए इसे Hammer Drill भी कहते है। इसमें “हैमरिंग” सुविधा की वजह से वे कंक्रीट और पत्थर जैसी मजबूत चीजों में ड्रिलिंग के लिए सबसे अच्छा हैं। इसके कई मॉडल भी आते है जो आपको हथौड़ा चलाने और ड्रिल को केवल घुमाने के बीच चुनाव करने के लिए स्विच देते हैं, या एक ही समय में दोनों का उपयोग भी करते हैं।


इम्पैक्ट ड्रिल और हैमर ड्रिल में अंतर

इम्पैक्ट का मतलब होता है प्रभाव इसका सीधा सा मतलब ये है की ये सामान्य ड्रिल के मुकाबले ये ड्रिल ज्यादा प्रभाव से काम करती है इम्पैक्ट ड्रिल में इम्पैक्ट फंक्शन होता है जो इसे इम्पैक्ट ड्रिल बनता है और हैमर ड्रिल में हैमर (हथौड़ी) फंक्शन होता है जो इसे हैमर ड्रिल बनता है। इसमें अंतर उस बल में है जिसे ड्रिल हेड में भेजा जाता है। हथौड़े की ड्रिल जितनी अधिक शक्तिशाली होती है, आप उससे उतने ही बड़े छेद कर सकते हैं इस ड्रिल का इस्तेमाल कंक्रीट और दीवारों के लिए किया जाता है।

3) Heavy-Duty Drills – ये वो ड्रिल्स है जो ख़ास तरह के काम के लिए इस्तेमाल होती है और इनका इस्तेमाल भी ख़ास तरह के हुनरमंद लोग ही करते है इसीलिए इन्हे Heavy-Duty Drill कहा जाता है, होती ये इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का ही हिस्सा है

हैवी-ड्यूटी ड्रिल्स के प्रकार (Types of Heavy-Duty Drills)

  1. Portable Drill Press 2. Floor Drill Press 3. CNC Drill Press 4. Mill Drill 5. Paper Drill

वैसे तो ये ड्रिल्स घर बनाने में ही उपयोगी होती है मगर इनका इस्तेमाल उन तकनीकों में आता है जिसमे आपको इंजीनियर या इंटीरियर डेकोरेटर की जरुरत होती है और वो ही ऐसी चीजे करते है जिनके वजह से इन मशीनो का इस्तेमाल करना पड़ता है और हमने ये ब्लॉग उन लोगो के लिए बनाया है जो अपना घर अपने हिसाब से बनाना चाहते है और गलतियों को करने से बचना चाहते है अगर फिर भी आपको इन ड्रीलो या किसी भी इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) के बार में जानना है तो आप हमें लिख सकते है हम आपको इन ड्रीलो के बारे में सब कुछ बताने का वादा करते है।

ड्रिल और हैमर की बिट के बारे में सबकुछ जानने के लिए यहाँ क्लिक करे


एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder)

एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) – ये एक ऐसा इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) या फिर कहे मशीन है जो की बहुत सारे काम करती है ये मशीन

  • दीवार में झिरी काटने
  • सरिया काटने
  • दीवारे, टाइल और पत्थर को काटने
  • धातु से बानी चीजों को काटने (कील, नट, पेच, फासनर जैसे चीजे)
  • घिसाई करने
  • धातु से बानी चीजों को पोलिश करने
  • लोहे को ब्रश से साफ करने
  • स्टील को चमकाने
  • कई तरह की काटने वाली चीजों की धार लगाने

और कम शब्दों में बोले तो

  • धातु को काटने के लिए जैसे लोहा, एल्युमीनियम, पीतल, ताम्बा, और स्टील काटने के लिए
  • कंक्रीट, टाइल, पत्थर, बीम, दीवार, और ईंट जैसी चीजों को काटने के लिए
  • लकड़ी की चीजे काटने के लिए
  • चमकाने के लिए जैसे स्टील, पत्थर, लोहा, लकड़ी

और भी बहुत कुछ करती है ये मशीन, बस इसके लिए आपको इसके अंदर लगने वाली डिस्क को बदलने की जरुरत पड़ती है।
मार्किट में बहुत तरह की डिस्क आती है जो आपकी हर तरह की जरूरतों को पूरा करती है, इसलिए ये इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का एक अभिन्न हिस्सा है।

एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) के साइज

वैसे तो एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) मार्किट में कई साइज में आते है ( 4, 4.5, 5, 6, 7, 9 और 12 इंच) मगर भारत में सबसे ज्यादा 4 और 5 इंच का एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) इस्तेमाल होता है।

एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) से खतरा

एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) बहुत उपयोगी इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) होने के साथ साथ खतरनाक मशीन भी होती है। क्योकि जहा ड्रिल मशीन करीब 700 से 1200 RPM, से चलती है, वही एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) की गति 10,000 से 11,000 RPM की तेजी से चलती है।
इसके इस्तेमाल के लिए सावधानी की भी बहुत जरुरी है क्योकि ये मशीन दूसरी मशीनो की तरह बटन को दबा के रखने से नहीं चलती ये मशीन ओन ऑफ करने से चलती अगर ये गलती से गिर जाये तो ये अपने आप ऊँगली हटने से बंद नहीं होती है इसलिए इससे हादसे भी बहुत आसानी से हो जाते है।

एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) के इस्तेमाल के नियम

  1. एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) की डिस्क जब भी बदले तो तार को निकल दे कही गलती से मशीन चल गयी तो हाथ कट भी सकता है।
  2. एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) को इस्तेमाल करते समय हाथ और एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) की डिस्क के बीच मे दुरी रखे।
  3. धातु पे काम करते हुए आस पास देख ले की कोई जल्दी से आग पकड़ने वाली चीज़े तो नहीं है ( जैसे पेट्रोल, गैस, रुई, कपडा ) क्योकि इससे निकले वाली चिंगारी से ऐसी चीजे आग पकड़ सकती है।
  4. नई डिस्क को लगाने से पहले चेक जरूर कर ले कही वो टूटी हुए या उसमे दरार तो नहीं जो चलने के बाद टूट जाये।
  5. जब हम एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) खरीदते है तो उसके साथ हमें एक गार्ड मिलता है जिसके इस्तेमाल से जब कभी डिस्क गलती से टूट जाती है तो वो हमें नहीं लगती है देखा गया है की बहुत से लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते है लेकिन इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
  6. गीले या पानी वाली जगह पे इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योकि ऐसा करने से बिजली का झटका तो लग ही सकता है लेकिन अगर चलते हुए गलती से ये आप के हाथ से गिर जाए तो अपने आप बंद नहीं होती इससे बहुत नुकशान हो सकता है।
  7. एंगल ग्राइंडर (Angle Grinder) को बच्चों की पहुंच से दूर रखे।

एंगल ग्राइंडर की डिस्क के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।।


हैक्साव (Hacksaw)

हैक्साव क्या होती है ?

इलेक्ट्रिकल वर्क टूल्स में हैक्साव का इस्तेमाल PVC Condute पाइप को काटने के लिए किया जाता है मगर इसके और भी इस्तेमाल होते है जैसे लकड़ी (लकड़ी, प्लैबॉर्ड, बांस, दरवाजे आदि) और धातु (लोहे की पाइप, कॉपर की पाइप) से बनी चीजों को काटना सारी बातो की एक मोटी बात ये है की इसका इस्तेमाल चीजों को काटने के लिए किया जाता है चाहे वो लोहा हो चाहे लकड़ी या वो प्लास्टिक हो।
उदाहरण के लिए प्लंबर इसे प्लास्टिक पाइप, लोहे की पाइप और इलेक्ट्रीशियन इसे प्लास्टिक की पाइप काटने के लिए साथ रखते हैं। ये देखने में छोटा जरूर है मगर जरुरत इतनी है की हर जगह ये काम आ ही जाता है इसकी ये काबिलियत इसे इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का एक ख़ास हिस्सा बनती है।

हैक्साव दरअसल दो हिस्सों में होता है, एक हिस्सा उसका वो होता है, जिससे हैक्साव ब्लेड को फसाया जाता है, जिसे ढांचा या फ्रेम भी कहते है और दूसरा इसका हिस्सा ब्लेड का होता है। ढांचा या फ्रेम लोहे का बना होता है आज कल मार्किट में स्टील के फ्रेम भी आ रहे है मगर वो लोहे के अपेक्षा बहुत महंगे पड़ते है तो उसका इस्तमाल बहुत ही कम लोग करते है।

इसमें लगने वाली ब्लेड हाई कार्बन स्टील, हाई स्पीड स्टील और लो एलॉय स्टील से बनाया जाता है और उसके बाद उसे जरुरत के हिसाब से हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है।

हैक्साव ब्लेड की जरुरत के हिसाब से लंबाई, चौड़ाई, मोटाई और दांतो की संख्या के हिसाब से इस्तेमाल किया जाता है।

जैसे कुछ ब्लेड चौड़ी होती है कुछ एक दम पतली कुछ में एक तरफ ही दांत होते है तो कुछ में दोनों तरफ मगर इन ब्लेड में दोनों तरफ छेद होते है इनको फ्रेम में फिट करने के लिए मगर कुछ ब्लेड ऐसी होती है की उसे हाथ से पकड़ के ही काटा जा सकता है।

हेक्सा फ्रेम के प्रकार (Types of Hacksaw Frame)

वैसे तो कई तरह के फ्रेम मार्किट में आते रहते है लोगो जरुरत के हिसाब से नए नए फ्रेम बनाते रहते है मगर कुछ ख़ास तरह के फ्रेम है जो सालो से बन रहे है और आगे भी बनते रहेंगे

फिक्स्ड हेक्सा फ्रेम (Fixed Hacksaw Frame)

जिस फ्रेम को ब्लेड की लम्बाई के हिसाब से बड़ा या छोटा नहीं किया जा सके और उसमे एक ही साइज की ब्लेड लगे उसे फिक्स्ड हैक्साव फ्रेम कहते है।

एडजस्टेबल हेक्सा फ्रेम (Adjestable Hacksaw Frame)

जिस फ्रेम को ब्लेड की लम्बाई के हिसाब से बड़ा या छोटा किया जा सके उसे एडजस्टेबल हेक्सा फ्रेम कहते है।

डीप कटिंग हेक्सा फ्रेम (Deep Cutting Hacksaw Frame)

ये एक ख़ास तरह का फ्रेम होता है जिस मोटी चीजों को काटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है फ्रेम में ब्लेड को लगाने के बाद इस फ्रेम की ब्लेड को गहराई तक पहुंचाया जा सकता है।

वैसे तो आजकल इलेक्ट्रिकल हैक्साव जिन्हे पावर हैक्साव भी कहते है आने लगी जो की काफी महंगी है इसीलिए हिंदुस्तान में इसका चलन अभी काम है।

हैक्साव ब्लेड के प्रकार

ऑल हार्ड हैक्साव ब्लेड (All Hard Hacksaw Blade)

इस पूरी ब्लेड को हार्ड (सख्त) और टेंपर (एक प्रक्रिया जिससे धातु मजबूत हो जाती है) किया जाता है। इसका इस्तेमाल धातुओं जैसे लोहा, पीतल, जस्ता, कास्ट आयरन जैसी मजबूत चीजों को काटने के लिए किया जाता है। यह ब्लेड झटका लगने पर टूट सकता है। ये कई तरह की लम्बाई, चौड़ाई, मोटाई और काटने वाले दातो के हिसाब से मार्किट में आसानी से मिल जाती है

फ्लेक्सिबल हैक्साव ब्लेड (Flexible Hacksaw Blade )

फ्लेक्सिबल ब्लेड के केवल दांतो को ही हार्ड व टेंपर किया जाता है। बाकी सारा हिस्सा लचीला होता है। फ्लेक्सिबल हैक्साव ब्लेड का इस्तेमाल ज्यादा होता है क्योंकि ये छोटे झटके आसानी से सहन कर सकती है इसका इस्तेमाल प्लास्टिक पाइप, PVC पाइप लोहे की चादरों को काटने के लिए किया जाता है मगर इसका ये मतलब नहीं की ये टूटती नहीं हाँ ये काफी लचीली होती है। ये कई तरह की लम्बाई, चौड़ाई, मोटाई और काटने वाले दातो के हिसाब से मार्किट में आसानी से मिल जाती है

फ्लेक्सिबल सेंटर हैक्साव ब्लेड (Flexible Center Hacksaw Blade )

इस प्रकार के ब्लेड में दातो के सिरों व ब्लेड के पिछले सिरे को ब्लेड की लंबाई तक हार्ड बाकी भाग स्प्रिंग टेम्पर किया जाता है।

स्प्रिंग बैक हैक्साव ब्लेड (Spring Back Hacksaw Blade )

इस प्रकार के ब्लेड में दातों वाले भाग को हार्ड किया जाता है,तथा बाकी भाग को स्प्रिंग टेम्पर कर दिया जाता है।

इलेक्ट्रिक हैक्साव कैसी होती है ?

ये दो तरीके से काम करती है

1) एक जो एक जगह पे लगी होती है और अपनी इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होता है और ये भी इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का हिस्सा होती है। इसका इस्तेमाल बड़े बड़े लकड़ी के लट्ठे को चीरने के लिए किया जाता है और ज्यादातर मशीनो के लिए सरकारी लाइसेंस की जरुरत पड़ती है मगर इसके छोटे साइज के मशीनो को सरकारी लाइसेंस की जरुरत नहीं पड़ती है मगर इसका साइज छोटा होने की वजह से ये मोठे लकड़ी के लट्ठों को काटने में समर्थ नहीं होते मगर 10″ से पतले लट्ठों के लिए अच्छे होते है

2) ये एक छोटी मोटर के साथ आती है जिसे आसानी से कही पे भी ले जाया जा सकता है इसे हैंडटूल कह सकते है हैंडटूल एक अंग्रेजी का शब्द है हिंदी में हैंडटूल उसे कहते है जिसे हाथ से आसानी से चलाया जा सकता है कही भी आसानी से ले जाया जा सकता है अंग्रेजी में पोर्टेबल हंडसौ या जिगसॉ भी इसी के नाम है।

**कई नियमो और कानूनों की वजह से बड़ी पावर सॉ लगाना आसान नहीं है और छोटी मशीन महंगी होने की वजह से लोग लकड़ी को दूसरे और तरीको से काट लेते है वैसे तो इस पावर सॉ पर इतनी बात काफी है मगर अगर आपको इससे ज्यादा जानना है तो आप कमेंट कर के पूछ सकते है।

हैक्साव हैंडल के प्रकार

वैसे तो बहुत तरह के हैक्साव भारत में मिलते है मगर भारत में इस्तेमाल होने वाले सबसे ज्यादा चलने वाले डिज़ाइन दो ही है

  • Straight Handle (स्ट्रैट हैंडल)
  • Pistel Grip Handle (पिस्टल ग्रिप हैंडल)

हैक्साव ब्लेड का इस्तेमाल करते समय रखने वाली सावधानियां

  • धातु के अनुसार सही ग्रेड का ब्लेड प्रयोग में लेना चाहिए।
  • काटते समय केवल आगे धकेलते समय दवाब देना चाहिए न की पीछे खीचते समय
  • मोटे धातु के लिए कोर्स ग्रेड का ब्लेड तथा पतले धातु के लिए फाइन ग्रेड का ब्लेड प्रयोग में लेना चाहिए।
  • हैक्साव ब्लेड को फ्रेम के अंदर ध्यान से लगाना चाहिए ये न ज्यादा टाइट होना चाहिए और ढीला तो बिलकुल नहीं
  • काम करते वक़्त अगर गलती से ब्लेड टूट जाये और हमारी कटाई आधी या आधी से कम हुई हो तो कोशिश करे की नयी ब्लेड की जगह किसी
  • पुरानी इस्तेमाल करी हुई ब्लेड का इस्तेमाल करे क्योकि कई बार बीच कटाई में नया ब्लेड इस्तेमाल करने से वो टूट सकता है।
  • धातु की कटाई करते समय अगर ब्लेड गरम हो रही हो तो, पानी को ब्लेड को ठंडा करने के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
  • काम खत्म होने के बाद हैक्साव ब्लेड को इसके फ्रेम से निकल के रख देना चाहिए।

हथौड़ी (Hammer)

हथौड़ी (Hammer) हैमर वैसे तो बहुत ही सामान्य सी चीज़ है जो हर घर में होती ही है फिर भी हम इसके बारे में कुछ ऐसी बाते बताते है जिससे आप हथौड़ी (Hammer) के महत्व को अच्छे से समझ सके

वैसे तो 30 से भी ज्यादा तरह के हथौड़ी (Hammer) होते है जो हाथ से चलायी जाती है इसे दूसरे शब्दों में कहे तो जैसा काम वैसा हैमर जिनका इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है और ये अलग अलग तरह के काम करने वाले अलग अलग तरह के हथोड़े का इस्तेमाल करते है ये एक बहुत जरुरी हथियार है। इसका इस्तेमाल किसी वस्तु को जोर से मारने के लिए किया जाता है। मोठे शब्दों में कील (नेल) धसाने, अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने, चीजों को तोड़ने, किसी चीज को पीट पीट कर बड़ा करने आदि के लिये किया जाता है।

वैसे तो हथौड़ी बहुत जगह पे इस्तेमाल करी जाती है मगर ये इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का भी हिस्सा है और वो भी बहुत महत्वपूर्ण

हथौड़ी (Hammer) के हिस्से

मोठेतौर पे तो हथौड़ी दो हिस्सों में होती है एक हत्था (Handle) एवं सिर (Head) मगर कुछ हिस्से जो जरुरी होते है जैसे ऊपरी हिस्से को पीन (Pin) कहते हैं पकड़ने वाले हिस्से को हत्था (Handle) जिस हिस्से जिसमे पकड़ने के लिए हत्था को लगाया जाता है उसे आइ होल (I Hole) कहते हैं उसके निचले हिस्से को नेक (Neck) कहते है और जिस हिस्से से किसी चीज की पिटाई करते हैं उसे मत्था या फेस(Face) कहते हैं।
और भी हिस्से होते है जो पढाई करने वाले लोगो के लिए जानने चाहिए अगर आप में से कोई जानना चाहता है तो कृपया कमेंट करे।

कितने तरह के हथौड़ी (Hammer) होती है ?

वैसे तो छोटे से छोटे कामो से लेकर बड़े से बड़े काम के लिए हथौड़ी (Hammer) मार्किट में आसानी से मिल जाती है मार्किट में आपको 30 से भी ज्यादा तरह की हथौड़ी (Hammer) आपको मिल जाएगी मगर हम आपको कुछ तरह की हथौड़ी (Hammer) जिसका इस्तेमाल ज्यादा होता है के बारे में आपको बताते है

आप हथौड़ी (Hammer) को चार भागो में बाँट सकते है –

हैंड हैमर (Hand hammer)

  • बाल पैन हैमर (Ball Pein Hammer) – यह गोल गेंद की तरह होता है। इसका प्रयोग चिपिग और मार्किग के लिए किया जाता है।
  • क्रॉस पैन हैमर (Cross Pein Hammer) – इसका फेस फ्लैट होता है। इसका प्रयोग नालिया या झिरियां बनाने के काम आता है। इसका प्रयोग हैड फलाने के लिए किया जाता है।
  • स्ट्रैट पैन हैमर (Straight Pein Hammer) – इस हैमर का पैन हैंडल के सीधा में होता है। इसका फेस सीधा होता है। इसका प्रयोग झिरियां और चैनल बनाने के लिए किया जाता है।

स्लेज हैमर (Sledge hammer)

इस स्लेज हैमर (Sledge hammer) का इस्तेमाल हाथ से हो सकने वाले भारी कामो के लिए किया जाता है। ये आमतौर पर 2 Kg से 15 Kg तक भारी हो सकते है।

सॉफ्ट हैमर (Soft hammer)

इसका इस्तेमाल वर्कशॉप में किया जाता है। क्योकि वहाँ बहुत अलग अलग तरह के काम होते है इसलिए वहाँ अलग अलग तरह के हैमर (Hammer) भी होते है जैसे

  • मैलेट हैमर (Mallet Hammer)
  • रबर हैमर (Rubber Hammer)
  • रॉ-हाईड हैमर (Raw Hide Hammer)
  • प्लास्टिक हैमर (Plastic Hammer)
  • कॉपर हैमर (Copper Hammer)

पावर हैमर (Power Hammer)

पावर हैमर (Power Hammer) का इस्तेमाल बड़े काम को करने के लिए किया जाता है ये भाप, बिजली और हवा के दबाव से चलाया जाता है।

इससे ज्यादा हथौड़ी (Hammer) के बारे में जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे


वाल गिट्टी (Wall Gitti)

वाल गिट्टी (Wall Gitti) इसको वाल प्लग (Wall Plug), प्लास्टिक गिट्टी, और स्क्रू एंकर भी कहते है और वाल गिट्टी (Wall Gitti) का इस्तेमाल दिवार के अंदर छेद कर के पेच कसने के लिए किया जाता है, इसको बनाने के लिए High Density Poly Ethylene (HDPE – एक तरह की प्लास्टिक) और नायलॉन (Nylon) जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।

वैसे तो वाल गिट्टी इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का हिस्सा नहीं होती मगर ये हमेशा उसके काम आती है और ये उनके इलेक्ट्रिकल टूल बैग (Electrical tools bag) में बड़ी ही आसानी से मिल जाती है इसीलिए हमने इसे इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) में गिन लिया है।

कैसा दिखता है ?

ये आगे से जुड़ा हुआ और पीछे से दो हिस्सों में कटा होता है और उसके ऊपर छोटे छोटे कील जैसे हिस्से निकले होते है, जब इसके अंदर पेच डाला जाता है तब पीछे के हिस्सा फैल कर दीवार के अंदर पकड़ बना लेता है

कैसे इस्तेमाल किया जाता है ?

इसको एक ड्रिल से किए गए छेद में डाल दिया जाता है, फिर बीच में पेंच को कस दिया जाता है। जैसे ही पेंच वाल गिट्टी (Wall Gitti) के अंदर जाता है, तो गिट्टी की नरम सामग्री दीवार में चिपक जाती है और एक अच्छी पकड़ कर लेती है जिसे निकलना नामुमकिन हो जाता है।

किस आकार में मिलता है ?

वैसे तो ये बहुत से आकर और डिज़ाइन में आती है और इसका आकर आपकी जरुरत के हिसाब से तय होता है
मार्किट में ये बहुत से आकर में मिलती है 10 मिमी, 12 मिमी, 18 मिमी, 22 मिमी, 25 मिमी, 28 मिमी, 32 मिमी, 35 मिमी, 38 मिमी, 40 मिमी, 50 मिमी, 63 मिमी, 75 मिमी, 100 मिमी

वाल गिट्टी के प्रकार ?

  • चौकोर वाल गिट्टी या स्क्वायर वाल गिट्टी (Square Wall Gitti)
  • गोल वाल गिट्टी (Round Wall Gitti)

** इसके डिज़ाइन से कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता है ये चाहे चौकोर हो या गोल हो मगर इसके पिछले हिस्से के अंदर अच्छी पकड़ और मजबूती होनी चाहिए।


लाइन टेस्टर (Line Tester)

वैसे तो इसका नाम Line Tester ही होता है मगर इलेक्ट्रिकल मकैनिक इसको टेस्टर ही कहते है ये पेचकस की तरह दिखता है मगर इसका इस्तेमाल ये जानने के लिए किया जाता की तारो में करंट आ रहा है या नहीं वैसे तो ये बहुत ही सामान्य सा उपकरण है जो की हर घर में होना चाहिए क्योकि इसकी जरुरत घर के अंदर कभी भी कही भी पड़ सकती है।

लाइन टेस्टर इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का मुख्य औजार(Tool) है
जानना चाहते है कुछ खास बाते लाइन टेस्टर के बारे में
तो चलिए सबसे पहले जानते है

कितने तरह के लाइन टेस्टर आते है।

Line Tester
Line Tester

दो तरह के लाइन टेस्टर मार्किट में आते है

  • सामान्य लाइन टेस्टर
  • डिजिटल लाइन टेस्टर

कैसे बनता है लाइन टेस्टर

लाइन टेस्टर दिखता तो एक पेचकस की तरह है मगर इसके हत्था जिससे पेचकस पकड़ते है वो एक खोखले प्लास्टिक का होता है यही वजह है की हम इससे बड़े पेच या बहुत ज्यादा टाइट कसे हुए पेच को नहीं खोल सकते है इसपे ना तो हम किसी चीज से चोट मार सकते है और ना ही ज्यादा ताकत लगा सकते है क्योकि ये टूट भी सकता है क्योकि इसका मुख्य काम पेच खोलना नहीं ये बताना है की कही किसी चीज में करंट तो नहीं आ रहा है

लाइन टेस्टर 6 हिस्सों में बना होता है

पहले हिस्से को अर्थिंग टिप(Earthing Tip) कहते है, ये धातु (Metal) की बनी होती है और इसे पेचकस के ढक्कन की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है अगर तारो में करंट आ रहा है तो इसपे ही हाथ लगाने से लाइट जलेगी जिससे पता चलेगा की तारो में करंट है या नहीं।

दूसरे हिस्से को क्लिप(Clip) कहते है ये धातु (Metal) की बनी होती है इसका इस्तेमाल इसे टांगने के लिए किया जाया है और इसको धातु (Metal) का बनाने का कारण दो होते है एक तो ये मजबूत हो जाता है और दूसरा ये भी अर्थिंग टिप की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।

तीसरे हिस्से को स्प्रिंग(Spring) कहते है, मानो या ना मानो ये एक बहुत ही जरुरी सामान है टेस्टर बनाने के लिए इसका इस्तेमाल अर्थिंग टिप और Neon Lamp को जोड़ने के किये किया जाता है जब शुरुआत में टेस्टर को बनाया गया तो कनेक्शन को पूरा करने के लिए तार की मदद ली जाती थी मगर ऐसा करने से Neon lamp भी हिलता रहता था और इसका कनेक्शन करने में भी समस्या आती थी तो स्प्रिंग का इस्तेमाल किया गया ताकि स्प्रिंग कनेक्शन को पूरा करने के साथ साथ दबाव को भी बना के रखता है और इससे फाल्ट होने के चांस को बहुत कम कर देता है।

चौथे हिस्से को निऑन लैंप (Neon Lamp) कहते है, इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योकि इसके ख़राब या फ्यूज होने के चांस ना के बराबर होती है।

पांचवे हिस्से को रेजिस्टेंस (Resistance) कहते है, ये ही वो चीज है जिसकी वजह से हमें करंट नहीं लगता है ये 220 वोल्ट करंट तो 4 से 5 वोल्ट में बदल देता है और हमारा शरीर 9 वोल्ट करंट तक आराम से झेल सकता है या दूसरे शब्दों में कहे की इतना कम करंट तो हमें पता भी नहीं चलता है।

छठे हिस्से को इंसुलेटेड स्टेम (Insulated Stem) कहते है, इसका इस्तेमाल पेच को खोलने और करंट तो चेक करने के लिए किया जाता है ये धातु (Metal) का बना होता है।

डिजिटल लाइन टेस्टर

डिजिटल टेस्टर साधारण टेस्टर का ही उन्नत रूप है ये वैसे ही काम करता है जैसे साधारण टेस्टर करता है मगर आप अगर नयी चीजे रखने के शौखीन है तो आप इसका भी इस्तेमाल कर सकते है इसमें दो तरह के टेस्टर आते है। एक तो ऐसे ही काम करता है जैसे साधारण टेस्टर काम करता है। मगर इसके अंदर एक दूसरी तरह टेस्टर होता है जो नॉन कांटेक्ट (Non-Contact) होता है जिसके अंदर सीधा टच करने की जरुरत नहीं पड़ती है। इसके अंदर सेंसर होते है होते है जो कुछ दूर से ही बता देते है की इसके अंदर करंट आ रहा है या नहीं आ रहा है।

लाइन टेस्टर इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का मुख्य औजार(Tool) है

टेस्टर का इस्तेमाल करते सुरक्षा सावधानियां

  • टेस्टर जमीन पे गिर जाए तो उसे उठा के चेक जरूर करे वो सही काम तो कर रहा है या नहीं। क्योकि अक्सर ऐसा देखा गया है की ऐसा होने के बाद लोग टेस्टर को जेब में रख लेते है और बाद में जब करंट चेक करते है तो वो नहीं जलता है और आपको ये लगता है की तारो में करंट नहीं आ रहा और हादसा भी हो सकता है
  • टेस्टर से केवल 100V-500V तक के करंट को चेक करने के लिए ही इस्तेमाल करे।
  • लाइन टेस्टर के हैंडल पर कोई चोट ना करे नहीं तो, नियॉन बल्ब या टेस्टर टूट सकता है।
  • बिजली जानलेवा है इससे आग भी लग सकती है और जान भी जा सकती है तो, कृपया! सावधान रहें क्योंकि बिजली बहुत खतरनाक है।

स्क्रू ड्राइवर (Screw Driver)

स्क्रू ड्राइवर (Screw Driver) – ये एक ऐसा टूल है जो भारत के हर घर में मिल जाता है और इसे पेचकस के नाम से जाना जाता है इसका इस्तेमाल पेच को खोलने और कसने के लिए किया जाता है।

वैसे तो बहुत तरह के स्क्रू ड्राइवर आते है मगर इलेक्ट्रिकल के काम के भारत में इस्तेमाल होने वाले सबसे ज्यादा इस्तेमाल 2 तरह के पेचकस ही चलते है।

1) 2-in-1 13″ स्क्रू ड्राइवर “+” और “-” वाला और दूसरा
2) टेस्टर (जिससे चेक करते है की लाइन में करंट आ रहा है या नहीं)

“+” वाले स्क्रू ड्राइवर को कुछ लोग Cross Head कहते है और कुछ लोग फिलिप्स हेड (Phillips Head) स्क्रू ड्राइवर भी कहते है ये सारे नाम मार्किट में चलते है और सही भी है। ये एक बहुत जरुरी टूल है, जो मेरे हिसाब से हर घर में होना ही चाहिए इसकी जरुरत कभी भी कही भी पड़ सकती है।
“-” वाले स्क्रू ड्राइवर को कुछ लोग स्ट्रैट हेड (Straight head) कहते है, कुछ लोग इसे फ्लैट ब्लेड (Flat Blade) से जानते है, और कुछ स्लॉटेड स्क्रूड्राइवर (Slotted Screwdriver) के नाम से और फ्लैट हेड (Flat Head) भी कहा जाता है।

अगर आपको सभी तरह के स्क्रू ड्राइवर के बारे में जानना चाहते है तो यहाँ क्लिक करे


पी.वी.सी टेप (P.V.C Tape)

पी.वी.सी टेप को बनाने के लिए P.V.C का इस्तेमाल किया जाता है इससे तारो के खुले हिस्से को ढकने के लिए किया जाता है। इसमें एक तरफ चपकने वाला पदार्थ लगा होता है। और इसकी वजह से तारो को हवा और पानी से सुरखित रखा जाता है।
ये कई साइज और रंगो में मार्किट में मिलती है। मगर मार्किट में सबसे ज्यादा चलने वाली टेप 10 मीटर और 20 mm चौड़ी होती है।

वैसे तो पी.वी.सी इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का हिस्सा नहीं होता है मगर इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल का काम करते हुए पड़ता है जिसकी वजह से ये हर इलेक्ट्रीशियन के टूल बैग में आसानी से मिल जायेगा।


प्लॉस (Plier)

वैसे तो बहुत तरह के प्लॉस आते है मगर इलेक्ट्रिकल के काम के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लॉस को Lineman Plier कहते है।
वैसे तो इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है मगर इसका मुख्य काम तारो को छिलने और जोड़ने (चाहे उसमे करंट हो या ना हो) तारो को पकड़ने के लिए किया जाता है।

प्लॉस (Plier) इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का मुख्य औजार(Tool) है

कैसे बनता है प्लॉस

इसको बनाने के लिए लोहे का इस्तेमाल किया जाता है और व्यक्ति को करंट से बचाने के लिए इसके ऊपर PVC की परत चढ़ा दी जाती है।


छैनी (Cheeni)

इसका इस्तेमाल दीवार के अंदर झिरी मारने या दूसरे शब्दों में कहे तो दीवार में गड्ढा करने, ईंट तोड़ने, लेंटर तोड़ने जैसे कामो के लिए किया जाता है, ये लोहे की मोटी छड़ की तरह दिखती है, जिसकी लम्बाई 3″ से लेकर 1 फ़ीट तक भी हो सकती है ये गोल और आयताकार भी हो सकती है वैसे तो गोल हो या आयताकार कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ता है मगर इसकी लम्बाई से बहुत फर्क पड़ता है। कुछ कामो के लिए छोटी तो कामो के लिए लम्बी छेनी की जरुरत पड़ती है।

वैसे तो छैनी इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का हिस्सा नहीं होता है मगर इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल का काम करते हुए पड़ता है जिसकी वजह से ये हर इलेक्ट्रीशियन के टूल बैग में आसानी से मिल जायेगा इसलिए हमने इसे इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) में गिन लिया है।


नापने वाली टेप (Measuring Tape)

इलेक्ट्रिकल टूल में ये भी एक जरुरी टूल है, इसका इस्तेमाल दुरी और आकर को ठीक तरह से नापने के लिए किया जाता है इसे आसानी से जेब में रखा जा सकता है।

वैसे तो नापने वाली टेप (Measuring Tape) इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का हिस्सा नहीं होता है मगर इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल का काम करते हुए पड़ता है जिसकी वजह से ये हर इलेक्ट्रीशियन के टूल बैग में आसानी से मिल जायेगा इसलिए हमने इसे इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) में गिन लिया है


राउंड बैटन गिट्टी (Round Batten Gitti)

इसका इस्तेमाल बैटन को दीवाल से चिपकने के लिए किया जाता है।
इसको लगाने के लिए पहले बैटन को जरुरत के हिसाब से काट के दीवाल पे रख दिया जाता है फिर बैटन के बीच में रख के हथोड़ी की मदद से इसे दीवाल में ठोक दिया जाता है।

वैसे तो राउंड बैटन गिट्टी (Round Batten Gitti) इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का हिस्सा नहीं होती मगर ये हमेशा उसके काम आती है और ये उनके इलेक्ट्रिकल टूल बैग (Electrical tools bag) में बड़ी ही आसानी से मिल जाती है इसीलिए हमने इसे इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) में गिन लिया है।

कैसा दिखता है ?

ये दो हिस्सों में बनी होती है पहले हिस्से में ये प्लास्टिक से बनी छोटी छोटी टिक्की होती है और दूसरा हिस्से में इसके ऊपर छोटी सी कील होती है जिसे ठोकने से दीवाल के अंदर चली जाती है।

किस डिज़ाइन में आता है ?

  • गोल (Circle) – जब हम इसके अंदर से तारो को बिना कवर खोले एक सिरे से दूसरे सिरे तक खींचते है तो ये आसानी से बिना अटके दूसरे सिरे पे निकल जाते है।
  • आयताकार (Rectangle) – जब हम इसके अंदर से तारो को बिना कवर खोले एक सिरे से दूसरे सिरे तक खींचते है तो कभी कभी अटक जाती है मगर ऐसा नहीं है की अटक ही जाते है मगर चांस की बात है की अटक जाये ऐसा बहुत काम देखा गया है मगर कभी कभी ऐसा देखा गया है।

किस आकर में आता है ?

वैसे तो ये कई साइज में आता है मगर मार्किट में सबसे ज्यादा चलने वाले साइज
प्लास्टिक की बॉडी 7.5mm Diameter और इसके अंदर जाने वाली कील की लम्बाई 16.5mm और कील की मोटाई 1.6mm (Diameter)

पैकिंग साइज

ये वैसे तो मार्किट में खुल्ले भी मिल जाते है मगर इसकी छोटी पैकिंग 50 Pcs की आती है इसके बाद फिर
100 Pcs, 200 Pcs, 500 Pcs, 1000 Pcs में मार्किट में उपलब्ध है।


वायर क्लिप (Wire Clip)

वायर क्लिप (Wire Clip) क्या होती है ?

वायर क्लिप को केबल नेल क्लिप्स के नाम से भी जाना जाता है इसका इस्तेमाल तारो को दीवाल या लकड़ी से चिपकने के लिए किया जाता है। तार चाहे जैसे भी हो बड़ी ही आसानी से इलेक्ट्रिकल, ईथरनेट, डिश वायर, कोक्स केबल, RG6, RG59, CAT6, RJ45 या किसी भी तार / केबल को आप उचित तरीके से व्यवस्थित कर सकते हैं।

जैसे वाल गिट्टी को इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का हिस्सा नहीं ना होते हुए भी हमने इसे इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) में गिन लिया है। वैसे ही वायर क्लिप भी होती है

कैसे बनती है ?

ये एक तरह की मजबूत पीवीसी और लचीली से इसे बनाया जाता है ये दो हिस्सों में होती है जो हिस्सा जो तारो को पकड़ के रखता है प्लास्टिक का हिस्सा तारो को मजबूती से पकड़ता है और इसको काटने से रोकता है और इसका दूसरा हिस्सा कीलनुमा होता है जिसपे गैल्वेनाइज की कोटिंग होती है जो दीवार के अंदर जा के इसको रोक देता है और इसपे लगी कोटिंग जंग को लगने से रोकती है।

किस साइज में आती है ?

वायर क्लिप (Wire Clip) या दूसरे शब्दों में कहे तो केबल नेल क्लिप्स मार्किट में 4 mm से 40 mm आकार में उपलब्ध है।

कैसे लगते है ?

केबल को दीवार पर कील लगाने के लिए बस एक हथौड़े का इस्तेमाल करें और आपको एक क्लियर लुक मिलेगा। इसके अलावा, आप ढीले केबलों पर ट्रिपिंग को रोक सकते हैं।


वायर कटर (Wire Cutter)

वायर कटर (वायर कटर )

वायर को हिंदी में तार कहते है और कटर को काटने वाला जैसा इसका नाम है वैसा ही इसका काम है इसका इस्तेमाल तारो को काटने और इसके ऊपर चढ़ी हुई PVC की परत को छिलने के लिए किया जाता है। इसकी तेज धार तारो को छीलने में सक्ष्म है। ये तारो को छीलने वाले प्लास से थोड़ा ज्यादा तेज होता है और ये पतली से पतली तारो को छिलने में सक्ष्म है। जबकि प्लास ऐसा करने में असमर्थ है।

प्लास और वायर कटर में क्या फर्क होता है ?

प्लास और वायर कटर वैसे तो दोनों में अलग अलग काम के लिए इस्तेमाल किये जाते है मगर इसमें इस चीज कॉमन है की ये दोनों का इस्तेमाल तारो को काटने और इसके ऊपर PVC की परत को उतारने के लिए किया जाता है मगर एक चीज को समझे प्लास से भी तारो को काटा और छिला जा सकता है मगर वायर कटर को बनाया ही इसीलिए जाता है ये तार को काटने और और छीलने में प्लास से बहुत तेज है।

वायर कटर का उपयोग कैसे न करें ?

उस सामग्री को न काटें जिसे उपकरण काटने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है। यह काटने वाले किनारों को नष्ट करने का एक निश्चित तरीका है। केवल कठोर सामग्री को कटर से काटें जो विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
किसी भी वायर कटर को पानी के संपर्क में न आने दें। यदि ऐसा होता है, तो जंग को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए इसे तुरंत सुखा दें।


चाक या मार्कर (Marking Chalk or Marker)

इसका इस्तेमाल दीवार पे निशान को लगाने के लिए किया जाता है

वैसे तो चाक या मार्कर इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) का हिस्सा नहीं होता है मगर इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल का काम करते हुए पड़ता है जिसकी वजह से ये हर इलेक्ट्रीशियन के टूल बैग में आसानी से मिल जायेगा इसलिए हमने इसे इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) में गिन लिया है।

वैसे तो हमने पूरी कोशिश करी है की आपको हर तरह के इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) के बारे में जानकारी दे मगर फिर भी हो सकता है की आपको इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) बताया हो उसमे कुछ कमी हो, तो आप हमने बताये की हम क्या सुधार करे जिससे ना केवल इलेक्ट्रिकल टूल (Electrical tools) के बारे में बल्कि और भी तरह की गलती हो तो आप हमें बताये ताकि हम आपको सही जानकारी दे पाए।

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