रजिस्ट्री क्या है या पावर ऑफ़ अटोर्नी कैसे करवाए ?

रजिस्ट्री क्या है

तो आइये सबसे पहले ये जानते है रजिस्ट्री क्या है

रजिस्ट्री हर राज्य की रजिस्ट्री, या पावर ऑफ़ अटोर्नी अलग तरीके से होती है और हर राज्य में रजिस्ट्री करने का अलग खर्च आता है हम आपको हर तरह की पूरी जानकारी देने की पूरी कोशिश करेंगे तो चलिए रजिस्ट्री क्या है अब पूरी पोस्ट को ध्यान से पढियेगा और अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगे तो आप शेयर करना मत भूलना

हर किसी का एक बजट होता है और रजिस्ट्री या पावर ऑफ़ अटोर्नी करने में भी अच्छा खासा पैसा लगता है मगर किसी भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या पावर ऑफ़ अटॉर्नी करनी बहुत जरुरी है इसका मतलब होता है की आप अपनी प्रॉपर्टी को सरकार के पास हिसाब से घर

घर की रजिस्ट्री क्या है, रजिस्ट्री कैसे होती है , या पावर ऑफ़ अटोर्नी कैसे करवाए जैसे सवालो के बारे में आपको यहाँ पे पूरी जानकारी दी जाएगी बस आप हमारी लिखी पोस्ट को पूरा पढ़े और हमसे जुड़े रहे, क्योकि जितना ज्यादा आपको ज्ञान होगा उतना ही ज्यादा आप बचा पाएंगे

तो आइये जानते है रजिस्ट्री क्या है और कैसे करवाते है

रजिस्ट्री करवाने के तरीके

वैसे तो रजिस्ट्री करवाने के दो तरीके है

– ऑनलाइन रजिस्ट्री (Online Registry)

ऑनलाइन रजिस्ट्री – जिसे आज कल E-रजिस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है ये सुविधा भारत के कई राज्यों में शुरू कर दी गयी है पर अभी हर राज्य में ऑनलाइन रजिस्ट्री या E-रजिस्ट्री की सुविधा नहीं है कुछ राज्य है जिन्हो ने ये सुविधा शुरू करी है जैसे :-

आंध्र प्रदेश, दिल्ली, झारखण्ड, केरला, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, वेस्ट बंगाल

अगर आप इनमे से किसी भी राज्य में रहते है तो आप ऑनलाइन रजिस्ट्री या E-Registry करवा सकते है

ऑनलाइन प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आपको कुछ ब्यौरा (Details) की जरुरत पड़ेगी जो आपके पास होनी चाहिए, हम कुछ तरह के (Details) के बारे में आपको बताते है जिनकी जरुरत आपको अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाने में पड़ेगी जैसे की :-

1 ) प्रॉपर्टी की जानकारी – मकान नंबर, एरिया नंबर, पिन कोड
2 ) किस तरह की प्रॉपर्टी है – फ्लैट (Flat), प्लाट (Plot), खेती की जमीन (Agricultural)
3 ) किस तरह का मालिकान हक़ चाहिए – खरीद (Purchase), उपहार या तौफे (Gift), किराये पे (Lease)
4 ) मालिक की जानकारी – नाम (Name), उम्र (Age), क्या करते है (Occupation), माता-पिता का नाम (Parent’s name)
5 ) संपत्ति का सबूत – टाइटल दीड (Title Deed), पावर ऑफ़ अटॉर्नी (Power of Attorney)

ये सारा ब्यौरा भर के अपने कागजो के साथ आपको स्टाम्प पेपर लेकर Sub-Registrar के ऑफिस में दिखने होंगे

Sub-Registrar के पास जाने के लिए जरुरी कागज

  • सेल दीड की दो कॉपी प्रॉपर्टी की कीमत के साथ
  • दोनों कॉपी पे खरीदने वाले और बेचने वाले की फोटो लगी होनी चाहिए
  • सही मूल्य का E-Stamp पेपर
  • E-Registration की फीस की रसीद
  • PAN card की कॉपी
  • असली आधार कार्ड खरीदने वाले और बेचने वाले के
  • अगर आपकी प्रॉपर्टी Rs 50 लाख से ऊपर है तो TDS की रसीद
  • प्रॉपर्टी के पुराने कागज जिससे ये साबित हो की जो प्रॉपर्टी बेचीं जा रही है वो बेचने वाले के नाम है

अगर आप भारत के अन्य दूसरे राज्यों में रहते है तो आपको सरकारी दफ्तर में जा के ही अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या पावर ऑफ़ अटोर्नी करवानी पड़ेगी

अगर आपके राज्य में E रजिस्ट्री या ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा नहीं है तो आपको अपनी रजिस्ट्री के लिए सरकारी दरफ्तर में जाना ही पड़ेगा

– सरकारी दफ्तर में जा कर (SDM Court)

सबसे पहले ये पता करे की आपकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रशन के लिए SDM Court कहा पे है क्योकि हर जगह का अपना SDM Court होता है जहा पे रजिस्ट्री से सम्बंधित काम होते है

आप वह जाए और लोगो से पता करे की रजिस्ट्री करवाने के लिए वहाँ कोई अच्छा वकील मिल जाये

दलालो से जरा सावधान रहे !!! माना की कुछ दलाल काम को जल्दी करवा देते है मगर कुछ दलाल काम को लटका के रख देते है उन लोगो से वही लोग काम करवा सकते है जिनका पाला अक्सर ही दलालो से पड़ता है

अगर आपका कोई जान पहचान का कोई मिल जाता है तो बात अलग है नहीं तो हमारी सलाह ये ही है की आप जितना दूर रहे दलालो से उतना ही अच्छा है हो सकता है की आपको थोड़े ज्यादा चक्कर काटने पड़े मगर आप याद रखे की अगर प्रॉपर्टी की खरीद में कोई भी दिक्कत परेशानी हो गयी तो आपको इतनी चक्कर काटने पड़ जायेंगे जिसकी कोई हद नहीं

हमारी एक पोस्ट सरकारी अफसरों की शिकायत कैसे करे ?? को जरूर पढ़े

हम आपको थोड़ी प्रक्रिया बताते है जिसकी वजह से आप अपने काम को आसान और तेज कर सकते है

आइए जानते है कैसे बनता है सेल अग्रीमेंट और अन्य कागज

सबसे पहले आपको स्टाम्प पेपर की जरुरत होती है
ये भी कुछ राज्यों में ऑनलाइन मिलते है अगर आप नीचे दिए गए राज्यों में रहते है तो आपको ये ऑनलाइन इ-स्टाम्प पेपर मिल सकते है

– Andaman & Nicobar ( E-Registration in Andaman & Nicobar के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Andhra Pradesh ( E-Registration in Andhra Pradesh के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Assam ( E-Registration in Assam के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Bihar ( E-Registration in Bihar के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Chhattisgarh ( E-Registration in Chhattisgarh के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Gujarat ( E-Registration in Gujarat के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Himachal Pradesh ( E-Registration in Himachal Pradesh के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Jharkhand ( E-Registration in Jharkhand के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Jammu Kashmir ( E-Registration in Jammu Kashmir के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Karnataka ( E-Registration in Karnataka के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Kerala ( E-Registration in Kerala के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Madhya Pradesh ( E-Registration in Madhya Pradesh के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Maharashtra ( E-Registration in Maharashtra के लिए यहाँ क्लिक करे)
– NCT Delhi ( E-Registration in NCT Delhi के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Odisha ( E-Registration in Odisha के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Puducherry ( E-Registration in Puducherry के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Punjab ( E-Registration in Punjab के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Rajasthan ( E-Registration in Rajasthan के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Tamilnadu ( E-Registration in Tamilnadu के लिए यहाँ क्लिक करे )
– Telangana ( E-Registration in Telangana के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Tripura ( E-Registration in Tripura के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Uttar Pradesh ( E-Registration in Uttar Pradesh के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Uttarakhand ( E-Registration in Uttarakhand के लिए यहाँ क्लिक करे)
– Union Territory of Chandigarh ( E-Registration in Chandigarh के लिए यहाँ क्लिक करे )
– UT of Dadra and Nagar Haveli and Daman and Diu ( E-Registration in UT of Dadra के लिए यहाँ क्लिक करे )
– UT of Ladakh ( E-Registration in Ladakh के लिए यहाँ क्लिक करे )
– West Bengal ( E-Registration in West Bengal के लिए यहाँ क्लिक करे)

मगर कुछ राज्यों में इसे आप SDM Court में जा के खरीद सकते है
इसको खरीदने के लिए आपको अपनी प्रॉपर्टी की कीमत का पता होना चाहिए क्योकि हर राज्य में Stamp Duty अलग अलग होती है
किसी राज्य में कम तो किसी राज्य में ज्यादा किस प्रॉपर्टी पे कितनी स्टाम्प ड्यूटी लगनी है ये फैसला सरकार करती है

स्टाम्प ड्यूटी कुछ बातो पे तय होती है जैसे की

  • प्रॉपर्टी किस राज्य में है
  • प्रॉपर्टी की मार्किट में क्या कीमत है
  • कितनी बड़ी प्रॉपर्टी है और कितनी बनी है
  • किस तरह के इस्तमाल के लिए है (रेजिडेंशियल और कमर्शियल)
  • प्रॉपर्टी के मालिक महिला या पुरुष और उसकी उम्र क्या है

स्टाम्प पेपर तीन तरह से खरीदे जा सकते है

  • ऑनलाइन
  • एजेंट के पास जा कर
  • बैंक से

चाहे E-Stamp हो या आप एजेंट या बैंक के स्टाम्प पेपर खरीद रहे है ध्यान र1हे आप अपनी प्रॉपर्टी की कीमत के हिसाब से सही मूल्य का स्टेम पेपर ही खरीदे क्योकि एक बार उसपे आपका नाम लिख जाने के बाद वो ना बदला जा सकता है और ना ही उसके पैसे आपको वापस मिलते है

स्टाम्प पेपर मिलने के बाद उसपे एक समझते को छापा (Print) जायेगा जिसे Sell Agreement बोलते है जिसके अंदर मकान मालिक और खरीदार का पूरा व्यक्तिगत ब्यौरा (Personal Detail) और प्रॉपर्टी की सारी डिटेल्स जिसमे उसका पूरा साइज (मतलब लम्बाई और चौड़ाई) उसके चारो तरफ क्या है (कोई और प्रॉपर्टी, सड़क, नाला जैसी चीजे) जिससे उस जगह की पूरी पहचान हो सके और खरीदने व बेचने वाले की बीच खरीदारी को लेकर हुई बातो, समझौतों और प्रॉपर्टी की कीमत को पूरी तरह से लिखा जाता है ताकि भविष्य में कभी भी खरीदने वाले को कोई दिक्कत ना हो

इसी लिए जब भी आप मकान या किसी भी तरह की प्रॉपर्टी को खरीद रहे हो तब आपको हर एक कागज को बहुत ही ध्यान से पढ़ना चाहिए अगर आप पढ़ ना पाए तो आप आप किसी और से पढ़वा के समझ सकते है ताकि कभी पे भी गलती की कोई गुंजाईश ना हो

रजिस्ट्री के लिए जरुरी कागज (Document Required for Registry)

  • पहचान पत्र या आधार कार्ड खरीदने और बेचने वाले दोनों के
  • PAN कार्ड खरीदने और बेचने वाले दोनों के
  • सेल दीड की कॉपी पे खरीदने और बेचने वाले की फोटो लगी हुई और हस्ताक्षर किये हुए
  • प्रॉपर्टी के पिछले सारे पेपर जिसमे सारे ख़रीदारों के नाम हो जिसे हम चैन डॉक्यूमेंट (Chain Document) कहते है
  • खरीदने वाला
  • बेचने वाला
  • दो गवाह (Two Witness)

जब आप रजिस्ट्री करवा लेंगे तब आपको एक रसीद मिलेगी वो आपको संभल के रखनी है उसपे आपकी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा आपको 15 दिन के बाद पुरे असली (Original) कागज SDM Court से मिल जायेंगे उसे लेने के लिए आपको जाना पड़ेगा

पावर ऑफ़ अटोर्नी कैसे करवाए

https://umageeta.in/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%89%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%a0%e0%a5%80%e0%a4%95-%e0%a4%b9%e0%a5%88-%e0%a4%87/

ये बहुत कमजोर तरीका है पावर ऑफ़ अटोर्नी – इसमें प्रॉपर्टी का मालिक आपको सिर्फ एक पावर देता है जिसे वो कभी भी रद्द कर सकता है अगर वो अपनी बात से बदल गया तो वो आपसे कभी भी प्रॉपर्टी ले सकता है और अगर उसकी मृत्य हो जाती है तो प्रॉपर्टी अपने आप उसके बच्चो के नाम हो जाती है उसके आपका कोई हक़ नहीं रहता है, अगर आपका कब्ज़ा है उस प्रॉपर्टी पे तो वो आपकी ही मानी जाती है

और भी बहुत कुछ हम यहाँ ज्यादा से ज्यादा आपको बताते जायेंगे बस आप दिल लगा के ध्यान से पढ़ते जाइये जितना आप पढ़ेंगे उतना आप सीखेंगे

अगर आपके मन में कोई भी सवाल है जो घर बनाने से जुड़ा हुआ है तो हम आपकी मदद के लिए तैयार है हम पूरी कोशिश करेंगे की आपके सवालो के जवाब जल्द से जल्द दे बस आप कमेंट करे और जितना हो सके हमें शेयर करे

आप पूछने से ना चुके
हम बताने से नहीं चूकेंगे

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