घर का काम रुकने के कारण और समाधान

घर का काम रुकने के कारण और समाधान

अगर आप ठेकेदार है या मिस्त्री है तो ये आपके लिए नहीं है
क्योकि इस पोस्ट को हमने मकान मालिकों को होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए बताया है अगर आप ठेकेदार या मिस्त्री हैं तो आप हमें कमेंट कर कर घर का काम रुकने के कारण और उनके समाधान के बारे में समझ सकते हैं।

ये बात थोड़ी अजीब है मगर सही है की घर बनाते समय अगर कोई दिक्कत ना आये तो फिर घर बनाने का मजा भी नहीं आता। मगर दिक्कते संभाली जा सके वो ही दिक्कते ठीक लगती है वो दिक्कते नहीं जिनकी वजह से घर का काम ही रुक जाए।

कुछ बाते है जिनपे अगर आप ध्यान दे तो घर बनाते समय आपके घर का काम रुक नहीं सकता है।


गलत अंदाजा

जब भी आप घर बनाते है, और अगर आप घर बनाने में लगने वाले पैसे का ठीक से अंदाजा नहीं लगा पाते है, तो आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, इससे बचना आसान तो नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है, पहले समझते है, की आप कहा कहा गलत अंदाजा लगा सकते है।

आप वक़्त के साथ होने वाले बदलाव जैसे सामान का रेट, लेबर का रेट को नजरअंदाज नहीं कर सकते है, आप कांट्रेक्टर हो या मालिक हो ये चीज ऐसी है जो आपके काम को बीच में रोक सकता है, महंगाई किसी की गुलाम नहीं है।


कैसे बचे बढ़ती महंगाई से

जब हम घर बनाने में लगने वाले पैसो का अंदाजा लेते है, तो हम ये भूल जाते है की घर बनाने में समय लगेगा और इतने समय में मार्किट में सामान के रेट के साथ साथ लेबर के रेट भी बढ़ सकते है, सबसे पहले आप एक बात समझिये कि, जब भी किसी सामान का रेट बढ़ना होता है, तो वो एक दिन में ही नहीं बदल जाता है 15 से 20 दिन लगते है, तो आप जो भी काम शुरू करवाए दो चार चीजे ध्यान रखे

सबसे पहले जितने दुरी में वो काम होना है, उसकी लम्बाई चौड़ाई नाप ले और गणित कर ले अगर आपको गणित नहीं आती तो कोई नहीं हम आपकी मदद के लिए है, कोई और आपकी मदद करे या न करे हम आपकी मदद जरूर करेंगे।

दुरी नापने के बाद आप उसमे लगने वाले सामान की लिस्ट बनाये की क्या क्या लगेगा और कितना लगेगा, इसको एक कागज पे लिख ले और उस सामन को दिमाग में दो हिस्सों में बाँट ले

पहला हिस्से में वो सामान लिखे जो बाद में भी इस्तेमाल हो सकता है और
दूसरे हिस्से में वो सामान लिखे जिसका इस्तेमाल बाद में नहीं हो सकता है।

अब समझिये हमने ऐसा क्यों किया

मान लीजिये हमें सीमेंट, रोड़ी और ईंट लेनी है और सीमेंट की हमें बाद में जरुरत नहीं है तो हम उसे उतना ही लेंगे जितनी हमें जरुरत है और ईंट हमें 500 चाहिए मगर बाद में भी हमें 250 और ईंटे चाहिए तो हम कोशिश करेंगे की हम 750 ईंट को एक साथ खरीदे ताकि वो सस्ती पड़े या हम दुकानदार को पक्का कर देंगे की हमें 750 ईंट चाहिए पर अभी 500 ईंटे ले जायेंगे और और इसी रेट पे थोड़े दिन बाद 250 ईंटे और ले जायेंगे।

इससे होगा ये कि आपके दुकानदार को पुराने रेट पे सामान देने के लिए मजबूर कर देंगे।


डिज़ाइन में बदलाव करना

डिज़ाइन में बदलाव करना काफी समझदारी का काम है मगर कोई चीज़ बनाने के बाद डिज़ाइन में बदलाव करना बेवकूफी का काम है, इससे पैसे का काफी नुकशान होता है और आपका काम करने वाले मजदूरों या ठेकेदारों का मनोबल टूटता है, उसको ऐसा लगने लगता है की मैं बनाऊंगा और ये फिर से तुड़वा देंगे ऐसी सोच उसे दिल से काम करने से रोकती है ये ऐसा नुकशान है जो दिखाई नहीं देता मगर ऐसा होने से काफी फर्क पड़ता है

इसका समाधान ये है की आप काम शुरू करवाने से पहले डिज़ाइन ढूंढिए अगर आपको कोई डिज़ाइन ठीक नहीं लग रहा तो कोई बात नहीं आप और डिज़ाइन ढूंढते रहिये, मगर एक बार अगर काम शुरू हो जाए तो डिज़ाइन ढूँढना बंद करके काम को तेजी से करवाने पे ध्यान लगाना ही ठीक रहेगा।

एक डिज़ाइन को हटा के दूसरा डिज़ाइन लाना पैसे को नुकशान ही करेगा ये बात भी समझ ले चाहे

काम होने के बाद अगर आपको कोई अच्छा डिज़ाइन मिलता है तो आप ऐसा सोचे की नया डिज़ाइन कितना भी अच्छा क्यों न हो वो कितना ही प्यारा क्यों न लगे वो भी पुराना हो ही जायेगा इसलिए बार बार बदलाव करना पैसो की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है।

ऐसा करने से लेबर को भी काम करने में मजा नहीं आएगा और वो भी अपने पैसो को बढ़ा देगा जिससे सामान का नुकशान, समय का नुकशान और नए सामान का खर्च तीनो की भरपाई आपको करनी पड़ेगी।

इसलिए काम शुरू ही तब करे जा आपका डिज़ाइन आपकी जरूरतों के हिसाब से पक्का हो जाए।


बेफिजूल की देरी को कैसे रोके

जब हम घर बनवाने का काम शुरू करते है तो काम में दो तरह की देरी होती है

1. ऐसी देरी जिसके जिम्मेदार आप और आपकी लेबर दोनों है।
2. ऐसी देरी जिसके लिए केवल आप जिम्मेदार है।

पहले वाले तरह से देरी होती है तो कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता है मगर दूसरे तरह की देरी होने पर लेबर आपको परेशान करने लगती है, और सच पूछिए तो उसकी इसमें कोई गलती नहीं होती है, क्योकि वो सिर्फ आप पे ही निर्भर नहीं है, उसे दुसरो का भी घर बनाना होता है, और वो आपके घर का काम ख़त्म होने के टाइम के हिसाब से दुसरो को टाइम देता है जिसपे अगर वो न पहुंचे तो उसे धमकिया मिलनी शुरू हो जाती है। तो आप उसकी परेशानी भी समझो।

ऐसी दिक्कतों से बचने के लिए आपको पहले से तैयारी करनी है

  • बिना नक़्शे के काम शुरू न करे।
  • दिमाग में कुछ न रखे एक छोटी डायरी ख़रीदे और सब उसमे लिखे (फ़ोन में से डिलीट हो सकता है) घर बनाने में 6 महीने से ज्यादा लगता है तब तक अगर आपके फ़ोन से डिलीट हो गया तो आपको बाद में पछताना पड़ेगा।
  • नक़्शे के हिसाब से जिस भी सामान का इस्तेमाल होना है, उसे लिख ले और साथ में ये भी लिखे कितना सामान चाहिए।
  • काम शुरू होने से पहले ही पक्का कर ले सामान(Material) कहा से किस क्वालिटी का और कितने का मिल रहा है।
  • जब दिन सामान(Material) की जरुरत हो उससे एक दिन पहले ही आप उसे जगह पे पंहुचा दे।
  • काम शुरू होने के बाद उसे ख़त्म करने पे ज्यादा ध्यान दे, न की कमिया ढूंढने पर। कमियों को काम ख़त्म होने के बाद भी ठीक किया जा सकता है।

बेकार योजना बनाने से कैसे बचे

बेकार योजना के साथ काम करना, बिना योजना के काम करने से भी ज्यादा खरतनाक है। हमें काम के हिसाब से योजना बनानी चाहिए। क्या क्या और कैसे कैसे करना है इसपे ध्यान देना चाहिए, अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा काम सही तरीके से नहीं चलेगा और जब कोई भी काम सही तरीके से नहीं चलता तो उसमे दिक्कते आने लगती है, और जिस काम में दिक्कते आती है, उस काम से हमें मनचाहे नतीजे नहीं मिलते है।

कुछ चीजे है, जिसकी योजना पहले से नहीं बना सकते है (भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाए) मगर आप ज्यादातर समस्याओ से आप एक अच्छी योजना के साथ बड़ी ही आसानी से बच सकते है।

योजना बनते कैसे है।

कोई भी योजना बिना सोचे समझे नहीं बनती है आपको हर पहलु पे ध्यान देना पड़ता है।

देखिये अच्छी योजना बनाने के लिए आपको परिस्थिति(Situation) को समझना होता है, आपके पास क्या क्या है जिसका आप इस्तेमाल कर सकते है।

कोई भी काम एक दूसरे पे निर्भर होते है, एक काम ख़त्म होने से पहले दूसरे काम को शुरू करने के लिए तैयारी कर ले नहीं और इसमें ज्यादा जल्दीबाजी न करे, क्योकि ऐसा भी देखा गया है कुछ लोग इतनी जल्दीबाजी करते हैं कि अभी पहला काम खत्म भी नहीं होता और दूसरा काम की तैयारी पूरी हो चुकी होती है जिसकी वजह से पहले काम पर ध्यान नहीं देते और दूसरा काम भी खराब होने लगता है।

जो होगा देखा जायेगा वाली सोच आपको सही काम करने से रोक देती है।

बातो की अनदेखी करना पड़ सकती है भारी

अगर आप बातो को बिना ध्यान से सुने और समझे अपना घर अच्छे से बनाना चाहते हैं, तो ये आपकी गलतफहमी के अलावा कुछ नहीं, ऐसा हो नहीं सकता है कि आप ध्यान ना दें और आपका घर सुंदर और अच्छा लगे।

इसलिए जिस से भी बात करें चाहे वो ठेकेदार हो या मिस्त्री ध्यान से बात करें अपने बीच में होने वाली बातों को डायरी पर नोट करें अगर अगर ठेकेदारी की बातें आपको ठीक लगती हैं तो आप उसका नाम मोबाइल नंबर और पहचान पत्र उसके बाद ही उससे काम दे।

काम देने के बाद जिन भी चीजों की आवश्यकता उसे आपका घर बनाने में है, उन सामान को ध्यान से लिखें क्या चाहिए, कितना चाहिए, और किस क्वालिटी का चाहिए, और यह भी समझें क्यों चाहिए।

आपका ध्यान केवल पैसों से बचाने पर ही नहीं होना चाहिए, आप क्या ला रहे हैं, कितना ला रहे हैं और क्यों ला रहे हैं इस पर भी होना चाहिए।

इतना भी कर लेने से आपके बहुत पैसे बचेंगे।

अगर आपको हमारी मेहनत और हमारी पोस्ट अच्छी लगी तो प्लीज हमें अपने सोशल मीडिया से शेयर कीजिए।

Was this helpful?

5 / 0

पढ़ के कैसा लगा, कमेंट करे

0Shares
error: Content is protected !!