फुटिंग (Footing) इंग्लिश का शब्द है, इसे हिंदी में “आधार” कहते है, जब हम कॉलम और बीम से घर बनवाते है तो कॉलम जमीन के अंदर तक जाता है और ये हिस्सा पुरे घर के वजन को जमीन तक ले के जाता है।
थोड़ा आम भाषा में समझाए तो जैसे कील आगे से पतली होती है क्योकि उसे दीवाल में घुसना होता है वैसे ही कॉलम का आखरी हिस्सा मोटा होता है, जिससे ये जमीन में ना घुसे, इसलिए फुटिंग ये काम होता है Footing का
ऐसा नहीं है की, केवल कॉलम बेअरिंग स्ट्रक्चर(Colum Bearing Structure) में ही फुटिंग(Footing) डाली जाती है। जब लोड बेअरिंग स्ट्रक्चर(Load Bearing Structure) बनाया जाता है, तो उसमे नीव डाली जाती है, और उसे वाल फुटिंग(Wall Footing) या स्ट्रिप फुटिंग(Strip Footing) कहते है, अब RCC और आइए जानते हैं Footing क्या होती है।
वैसे तो अलग अलग तरह की फुटिंग होती है, और जरुरत के हिसाब से इसका इस्तेमाल किया जाता है।
फुटिंग(Footing) किस तरह की होनी चाहिए?
ये दो चीजों पे ज्यादा
1 – मिट्टी की भार उठाने की क्षमता पे निर्भर करता है।
2 – कितनी मंजिल बनने का निर्माण करना है।
मगर सबसे ज्यादा दो तरह की फुटिंग का ही इस्तेमाल किया जाता है। जिसे शैलो फाउंडेशन (Shallow foundation) कहते है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर घरो को बनाने के लिए किया जाता है। और हम यहाँ केवल घर से जुडी जानकारी आपको देते है, अगर आपको दूसरे तरह के फुटिंग के बारे में भी जानना है तो आप हमे कमेंट कर सकते है हम आपको इससे जुडी सारी जानकारी देंगे।
तो अभी हम आपको दो तरह की फुटिंग(Footing) के बारे में बताते है, जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है।
- Isolated Column Footing
- Pad Footing
- Stepped Footing
- Sloped Footing/Trapoezoidal Footing
- Combine Footing
इसके अलावा और भी तरह की फुटिंग होती है, जिनका इस्तेमाल Deep Foundation के लिए किया जाता है, मगर इनका इस्तेमाल कम ही होता है जैसे:-
Mat or Raft Footing – इसका इस्तेमाल बहुमंजिला इमारतों को बनाने में किया जाता है वो भी केवल उस जगह जहा ईमारत के नीचे पार्किंग बनानी होती है, इसका इस्तेमाल इसलिए भी काम होता है, क्योकि ये एक महंगा काम है।
Pile Foundation – इसका इस्तेमाल बुर्ज खलीफा जैसी बड़ी इमारतों को बनाने के लिए किया जाता है। तो आप खुद ही समझ सकते है इसका इस्तेमाल कितना होता होगा फिर भी अगर आपको इन दोनों के बारे में ढंग से जानना है तो आप कमेंट कर सकते है। हम आपको बताने के लिए तैयार है।
आइसोलेटेड कॉलम फुटिंग (Isolated Column Footing)
ये एक कॉलम के नीचे चौकोर कंक्रीट का हिस्सा होता है, इसका काम इमारत को जमीन के अंदर धसने से रोकता है।
इसे तीन तरीके से बनाया जाता है
1. Pad Footing | 2. Sloped Footing/Trapoezoidal Footing | 3. Stepped Footing
इसे तीन तरीके से बनाया जाता है और इसके नाम भी इसी तरह है जैसे इनका आकार है
पैड फुटिंग (Pad Footing) –
स्टेप्पड़ फुटिंग (Stepped Footing)
स्लोप्ड फुटिंग (Sloped Footing)/ ट्रापोइज़ोइडल फुटिंग (Trapoezoidal Footing)
इसे बनाने के लिए सेक्शन(Section) की जरुरत होती है जो की सरियो से बनता है।
कंबाइन फुटिंग (Combine Footing)
Combine इंग्लिश का शब्द है जिसका मतलब जुड़ा हुआ होता है, जब दो या दो से ज्यादा कॉलम को एक साथ जोड़ दिया जाता है तो इसे कंबाइन फुटिंग(Combine Footing) कहते है। इसका इस्तेमाल तभी किया जाता है जब दो या दो से ज्यादा कॉलम एक-दूसरे के पास होते हैं, और ऐसा ख़ास परिस्थिति में ही होता है और इन्हे भी जरुरत के हिसाब से तीन तरह से बनाया जाता है।
- रेक्टेंगुलर (Rectangular)
- ट्रापेजोइडल (Trapezoidal)
- स्ट्रैप बीम (Strap Beam)
फुटिंग डालने का तरीका
- तय गहराई के हिसाब से खुदाई करवाए अगर फिर भी मिट्टी मुलायम या हल्की गीली निकलती है तो, थोड़े दिन के लिए सूखने का समय दे। और अगर आपके पास समय नहीं है तो, मोटी रोड़ी की कम से कम 3″ मोटी परत डलवाये और उसे बराबर करवा दे। वैसे तरीका तो ये है, की सख्त मिट्टी के मिलने तक खुदाई करवाए। (पहली फोटो के जैसे)
- रोड़ी के बराबर होने के बाद, उसपे कच्ची रोड़ी डलवाये (सीमेंट के साथ मिलायी हुई) और बराबर करवा दे।
- अब आप उसपे जरुरत के हिसाब से सेक्शन(Section) को डलवा सकते है, अगर आपको सेक्शन(Section) नहीं देखा तो आइसोलेटेड कॉलम फुटिंग (Isolated Column Footing) में दी हुई फोटो में देख सकते है, सेक्शन(Section) में सरियो की दुरी 4″ से 5″ तक ही रखे इससे ज्यादा दुरी नहीं करनी चाहिए।
- सेक्शन(Section) के नीचे कम से कम 2″ का कवर ब्लॉक(Cover Block) रखे, अगर आपके पास कवर ब्लॉक(Cover Block) नहीं है, तो आप टाइल(पतली ईंट) जरूर रख दे।
- उसके बाद शटरिंग(Shuttering) करवा के ढलाई(Casting) में कम से कम M30 कंक्रीट का इस्तेमाल करे।
- कुछ लोग शटरिंग के लिए ईंट के इस्तेमाल करते है, वो हमारे हिसाब से पैसे की बर्बादी है।
- तराई में कोई कमी न रखे
फुटिंग बनते समय ध्यान रखने वाली बाते
- फुटिंग के लिए ग्रेड 53 के PPC Cement का ही इस्तेमाल करे।
- गलत तरीके से या डिज़ाइन भी एक कारण है, कॉलम धस जाने का।
- जमीन की सतह अगर कमजोर है तो कॉलम धस सकता है इसलिए सख्त मिट्टी मिलने तक खुदाई करवानी चाहिए।
- अगर आपके पास समय की कमी है तो ऊपर दिए तरीके के हिसाब से ही फुटिंग डलवाए।
फुटिंग(Footing) से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब
खुदाई करते समय पानी निकल रहा है क्या करे ?
अगर खुदाई करते समय पानी निकल गया है देखे पानी कितना निकला है अगर पानी कम निकला है तो आप ऊपर दिए तरीके से फुटिंग डलवा सकते है और अगर ज्यादा पानी निकलता है तो, आप अपने प्लाट में
बहुत छोटे प्लाट में 1,
छोटे प्लाट में 2,
सामान्य प्लाट में 3,
और बड़े प्लाट में जरुरत के हिसाब से
सबमर्सिबल पंप (Submersible Pump) लगवाए चिंता न करे ज्यादा गहराई तक खोदने की जरुरत नहीं पड़ेगी। और कई जगह सबमर्सिबल पंप (Submersible Pump) किराये पे मिलते है। का इस्तेमाल करे और इसे तब तक चलवाये जब तक पानी निकलना बंद न हो जाए। फिर आप फुटिंग का काम शुरू करवा सकते है।
पैसे बचने के लिए फुटिंग में हल्के सरिये डाल दे तो ?
ऐसी गलती कभी भूल के भी मत करना आपको शायद ये केवल फुटिंग लग सकती है, मगर सारे घर का वजन इसी के ऊपर आता है अगर ये कमजोर हुआ तो आपका घर में दिक्कत आना तय है।
OPC सीमेंट का इस्तेमाल करे तो क्या होगा ?
OPC सीमेंट का इस्तेमाल तो किया जा सकता है मगर फुटिंग को जमीन के नीचे रहना होता है, तो OPC सीमेंट के अंदर वाटरप्रूफिंग वाले गुण नहीं होते है। अगर फुटिंग वाटरप्रूफ होगी तो आपकी फुटिंग सालो साल मजबूत बानी रहेगी।
फुटिंग की तराई कितने दिन तक करनी चाहिए ?
तराई में कोई कमी न रखे – तराई के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप हमारी पोस्ट पढ़ सकते है “तराई(Tarai) | Water Curing | Curing of Concrete”
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