रोड़ी क्या होती है?
असल में ये चट्टान के छोटे छोटे टुकड़े होते है रोड़ी को कई नामो से बुलाया जाता है जिसके अलग अलग साइज और रंगो की वजह से रोड़ी को कई नामो से जाना जाता है जैसे की :- जीरा रोड़ी, नीली रोड़ी, स्टोन चिप्स (Stone Chips), ग्रिट(Grit), Construction Aggregates, Lightweight Aggregates ,Gravel, Gravel Pebble
मगर इसमें थोड़ा फ़र्क होता है
रोड़ी के प्रकार
आइये हम आपको इसे बिलकुल आसान भाषा में समझते है
हमें ये सब पत्थर तोड़ने वाली मशीनो से मिलता है जब भी कोई पत्थर को तोडा जाता है तो उसमे अलग अलग आकार के कई सारे टुकड़े निकलते है। और इसके नाम इनके टुकड़ो के आकार के आधार पे रखा जाता है।
• धुल (Dirt) :- ये रेत की तरह होता है और इसे रेत की जगह इस्तेमाल किया जाता है।
• छोटे कंकड़ (Grit) :- इसे कई जगह गड्ढे भरने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
• रेत या बदरपुर (Artificial sand) :- ईंटो की जुड़ाई और कई जगह प्लास्टर के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
• रोड़ी (Aggregate) :- लेंटर डालने स्लैब डालने बीम डालने जैसे काम में ढलाई के लिए किया जाता है।
• दानेदार जिसमे छोटे कंकड़ और धुल भी हो (GSB material) :- GSB का इस्तेमाल डामर या तारकोल मिला के रोड के निर्माण में किया जाता है।
सीधी सी बात जब चट्टानों को तोडा जाता है तो कई टुकड़े निकलते है जो टुकड़े 5 mm से नीचे होते है उन्हें साइज के हिसाब से धुल (Dirt), छोटे कंकड़ (Grit), रेत या बदरपुर (Artificial sand) और दानेदार जिसमे छोटे कंकड़ और धुल भी हो (GSB material) जैसे नाम रख दिए जाते है और जो 5 mm से बड़े होते है उन्हें रोड़ी (Aggregate) कहते है। रोड़ी कई आकार में बाजार में मिलती है
कंस्ट्रक्शन अग्ग्रेगेट्स (Construction Aggregates) :- उन्हें कहते है जिन्हे मजबूती के लिए घर बनाने या निर्माण के काम में लिया जाता है ये मजबूत पत्थर के टुकड़े होते है जिनको मशीनो से तोड़ कर अलग अलग आकार दिए जाते है और आकार के आधार पे इनके नाम होते है
लाइटवेट अग्ग्रेगेट्स (Lightweight aggregates) :- ये हमें दो तरह से मिलते है या तो ये खुदाई में निकलते है या तो ये खास तौर पे अलग अलग सामान को मिला के मशीनो से बनाये जाते है और इनका इस्तमाल भराई के लिए किया जाता है जहा मजबूती की कोई खास जरुरत नहीं होती है
Gravel, Gravel Pebble
ग्रेवल एक खास तरह के पत्थर के टुकड़े होते है जो की बहुत मजबूत होते है पर ये बहुत ही चिकने होते है चिकने होने की वजह से ये जुड़ाई करने पर कोई खास मजबूती नहीं देते है इसी लिए इनका इस्तेमाल सुंदरता को बढ़ने के लिए किया जाता है।
ये नदियों से मिलते है ये पानी से घिस के एक चिकना आकर ले लेते है और इनको मशीनो से भी बनाया जाता है और कई बार स्टोन पोलिश भी करी जाती है।
इसका इस्तेमाल गार्डन पाथ, बॉर्डर, ड्राइववे, ड्रेनेज, कंकड़ डैशिंग में किया जाता है
रोड़ी के आकार (Size)
5 mm, 6 mm, 8 mm, 10 mm, 12 mm, 15 mm, 18 mm, 20 mm, 25 mm, 30 mm इसे ऊपर भी हमें मिल सकती है मगर उसके लिए हमें खास आर्डर देना होगा।
ग्रेवल (Gravel) का इस्तेमाल
• 6 mm और 10 mm सोना और 10 mm सफेद – बगीचे की सजावट और फुटपाथ के लिए बढ़िया।
• 20 mm सोना, 20 और 40 mm सफेद, 20 mm पुनर्नवीनीकरण – बगीचे की सजावट और फुटपाथ के लिए भी लेकिन ड्राइववे और जल निकासी के लिए भी काम करेगा।
** ज्यादातर 10 mm – बगीचे की सजावट, फुटपाथ और पाइप बिस्तर के लिए उपयोग किया जाता है।
रोड़ी का इस्तेमाल कैसे करे
रोड़ी का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले ये जानना जरुरी है कि हमें इसका इस्तेमाल कहा करना है, किस लिए करना है, और हमारा काम कितनी मजबूती से चल जायेगा।
मोटी रोड़ी का मसाला कमजोर होता है मगर ये कम मेहनत में ज्यादा जगह घेरता है और जल्दी तैयार हो जाता है
बारीक़ रोड़ी से हमें ज्यादा मजबूती मिलती है मगर छोटा आकार होने कि वजह से ये कम जगह घेरता है।
हमारी पोस्ट रोड़ी (RODI) को पढ़ने के लिए धन्यवाद हम यहाँ ज्यादा से ज्यादा आपको बताते जायेंगे, बस आप दिल लगा के ध्यान से पढ़ते जाइये जितना आप पढ़ेंगे उतना आप सीखेंगे।
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